आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड की राजनीतिक सियासत को गरमा दिया है। जैसे-जैसे 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सक्रियता बढ़ गई है। छह महीनों मे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया उत्तराखंड के तीन अलग-अलग दौरे कर चुके हैं।
दोनों नेताओं ने गढ़वाल मंडल के देहरादून, हरिद्वार और कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी तथा अन्य क्षेत्रों के धुआंधार दौरे किए हैं। अपने इन चुनावी दौरों में अरविंद केजरीवाल ने देवभूमि उत्तराखंड के हर वर्ग और हर धर्म के लोगों को लुभाने के लिए लोकलुभावन नारे दिए। अपने पहले दौरे के दौरान केजरीवाल ने देहरादून में ऐलान किया था कि उत्तराखंड के लोगों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी और बिजली के बकाया बिल माफ किए जाएंगे।
दूसरे दौरे में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बेरोजगारों को पांच हजार रुपए महीना बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया और बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया। अब केजरीवाल ने उत्तराखंड की तीर्थ नगरी हरिद्वार के अपने हालिया दौरे के दौरान सभी धर्मों के लोगों को साधने के लिए बुजुर्गों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराने की घोषणा की। आम आदमी पार्टी के नेता अपनी घोषणा को राज्य की जनता के भले के लिए कसम खाने की संज्ञा दे रहे हैं जिस तरह केजरीवाल ने उत्तराखंड में अपने तीसरे दौरे के दौरान तीसरी कसम देवभूमि उत्तराखंड के हिंदू बुजुर्गों को अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन, मुसलमान बुजुर्गों को अजमेर शरीफ यात्रा कराने तथा सिख बुजुर्गों को करतार साहिब की यात्रा कराने का ऐलान किया इस तरह केजरीवाल ने तीनों धर्मों के लोगों को साधने का काम किया।
आॅटो रिक्शा चलाने वालों को अपनी और आकर्षित करने के लिए केजरीवाल आटो चालकों के आटो में बैठ गए और उनके आटो रिक्शा में अपनी पार्टी का चुनावी पोस्टर चस्पा किया और आटो वालों को चुनावी घुट्टी पिलाते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में आटो वाले उन्हें अपना भाई मानते हैं। इस तरह केजरीवाल चुनावी टोटके करने में माहिर हैं। उनके इन चुनावी टोटकों का कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेता कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं और ना ही उनके पास इसकी कोई काट है। केजरीवाल जब भी उत्तराखंड आते हैं वे लोगों के मन मस्तिष्क पर छा जाते हैं।
उनके चुनावी दौरों से भाजपा और कांग्रेस को जो राजनीतिक नुकसान होता है उसे दूर करने में दोनों पार्टियों के नेता सीधे.सीधे केजरीवाल के खिलाफ तीखे बयान देकर प्रहार करते हैं जिससे केजरीवाल चर्चा में आ जाते हैं और इस तरह उत्तराखंड की राजनीति के केंद्र बिंदु आजकल केजरीवाल हो गए हैं। केजरीवाल कहते हैं कि हमने उत्तराखंड का मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल को राज्य की जनता के बीच सर्वेक्षण करके जनता की राय के बाद घोषित किया। हमारी पार्टी अन्य राजनीतिक दलों की तरह मुख्यमंत्री जबरन थोपने का काम नहीं करती है।