Voters Apathy In Urban Areas: निर्वाचन आयोग ने शनिवार को एक बयान में कहा कि गुजरात (Gujarat) में पहले चरण के विधानसभा चुनावों में कई सीट पर मतदान फीसद में वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन सूरत (Surat), राजकोट (Rajkot) और जामनगर (Jamnagar) जैसे प्रमुख जिलों में मतदान को लेकर शहरी मतदाताओं (Urban Voters) की उदासीनता (Apathy) ने कुल आंकड़े (मतदान फीसद) को घटा दिया। इसी तरह, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में भी शहरी निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं में मतदान को लेकर कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिला। शिमला शहरी विधानसभा सीट (Shimla Urban Assembly Seat) पर सबसे कम 62.53 फीसद मतदान दर्ज किया गया। यह आंकड़ा राज्य में हुए औसत मतदान 75.6 फीसद से 13 फीसद कम है।

मुख्य चुनाव आयुक्त बोले- Voters की भागीदारी पर टिका है मतदान प्रतिशत

आयोग ने बताया कि सूरत, राजकोट और जामनगर जैसे जिलों में गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के औसत मतदान 63.3 फीसद से कम वोट पड़े। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार (Chief Election Commissioner Rajeev Kumar) ने गुजरात के मतदाताओं से पांच दिसंबर को दूसरे चरण के मतदान के दौरान अपने मताधिकार का बढ़-चढ़कर इस्तेमाल करने की अपील की। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, कुमार ने कहा कि अब 2017 के विधानसभा चुनावों के मतदान फीसद को पार करने की उम्मीदें मतदाताओं की बढ़ी हुई भागीदारी पर टिकी हैं।

कच्छ जिले की गांधीधाम सीट पर सबसे कम 47.8 फीसद मतदान दर्ज किया गया

आयोग के अनुसार, कच्छ जिले की गांधीधाम सीट पर सबसे कम 47.8 फीसद मतदान दर्ज किया गया, जो पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 6.34 फीसद कम है। सबसे कम मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों में सूरत का करंज दूसरे स्थान पर रहा, जहां 2017 में हुए न्यूनतम 55.91 फीसद मतदान से भी 5.37 फीसद कम वोट पड़े। गुजरात के प्रमुख शहरों और शहरी इलाकों में न सिर्फ 2017 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले मतदान फीसद में गिरावट दर्ज की गई है, बल्कि वहां राज्य के औसत मतदान 63.3 फीसद से भी कम मतदान हुआ है। 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान फीसद 66.79 फीसद दर्ज किया गया था।

कई जिलों में शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा हुआ मतदान

आयोग ने रेखांकित किया, ‘अगर इन विधानसभा क्षेत्रों में इस बार मतदान फीसद 2017 के उनके मतदान फीसद के बराबर रहता, तो भी राज्य में औसत मतदान का आंकड़ा 65 फीसद के पार चला जाता।’ ग्रामीण और शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में भी मतदान फीसद में उल्लेखनीय अंतर दर्ज किया गया। नर्मदा जिले के देदियापाड़ा ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र (82.71 फीसद) और गांधीधाम शहरी सीट (47.86 फीसद) के बीच मतदान फीसद में 34.85 फीसद का अंतर देखने को मिला। आयोग ने कहा,‘कई जिलों में ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों में शहरी निर्वाचन क्षेत्रों की तुलना में बहुत अधिक मतदान हुआ है।

सूरत, राजकोट और जामनगर जैसे जिलों में गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के औसत मतदान 63.3 फीसद से कम वोट पड़े। शिमला शहरी विधानसभा सीट पर सबसे कम 62.53 फीसद मतदान दर्ज किया गया। यह आंकड़ा राज्य में हुए औसत मतदान 75.6 फीसद से 13 फीसद कम है।