चुनाव आयोग ने हरियाणा राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी से सोमवार को एक रिपोर्ट मांगी। इससे पहले कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से हरियाणा में हुए राज्यसभा चुनाव को रद्द कराने की मांग की। पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस की साजिश के कारण पार्टी समर्थित उम्मीदवार की हार हुई।
सूत्रों ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर आयोग आगे की कार्रवाई पर निर्णय करेगा। यद्यपि विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार चुनाव खत्म हो जाने और परिणाम घोषित होने के बाद प्रभावित पार्टी के लिए एकमात्र रास्ता यह बचता है कि वह एक चुनावी याचिका दायर करे क्योंकि तब आयोग की बहुत कम भूमिका बचती है। कांग्रेस ने दावा किया है कि कोई भीतरघात नहीं था जिसके चलते हार हुई।
कांग्रेस नेताओं और आनंद ने मीडिया दिग्गज चंद्रा पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक निर्दलीय विधायक और चुनाव आयोग के कुछ अधिकारियों की मदद से लोकतंत्र एवं संविधान से धोखाधड़ी की। कांग्रेस महासचिव बीके हरिप्रसाद, पार्टी की हरियाणा इकाई के प्रमुख अशोक तंवर और विधि प्रकोष्ठ के सचिव केसी मित्तल ने मनोहर लाल खट्टर सरकार पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर पार्टी समर्थित उम्मीदवार आरके आनंद को पराजित करने का आरोप लगाया। आनंद समेत शिष्टमंडल के सदस्यों ने दावा किया कि पार्टी के अंदर कोई भितरघात नहीं हुआ जिसके कारण पराजय हुई।
वहीं आनंद का समर्थन करने वाले इनेलो ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा और भाजपा शनिवार को प्रदेश में राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में 14 मतों को अवैध घोषित करने के लिए जिम्मेदार थे। कांग्रेस नेताओं और आनंद ने आरोप लगाया कि मीडिया कारोबारी और भाजपा समर्थित उम्मीदवार सुभाष चंद्रा लोकतंत्र और संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसमें वो निर्दलीय विधायक और चुनाव आयोग के अधिकारियों की मदद ले रहे हैं।
चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद आनंद ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव को बंधक बनाने के लिए साजिश रची गई। हमने राज्यसभा चुनाव में सुभाष चंद्रा, निर्दलीय विधायक जयप्रकाश की धोखाधड़ी के बारे में चुनाव आयोग से स्पष्ट शिकायत की है। उन्होंने कहा कि एआइसीसी ने भी शिकायत दर्ज कराई है। चुनाव आयोग ने हमारा पक्ष सुना है, वे इसके अनुरूप निर्णय करेंगे। हमने उनसे पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द कर फिर से मतदान कराने का आग्रह किया है।
हरिप्रसाद ने कहा कि सभी कांग्रेस विधायकों ने पार्टी के निर्देश के अनुरूप आनंद के पक्ष में मतदान किया। चुनाव के दौरान पार्टी के एजंट के रूप में उन्होंने सभी के मतों को देखा है। उन्होंने कहा कि कोई विद्रोह नहीं हुआ। कांग्रेस के लोगों ने सही उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया, यह आरएसएस-भाजपा की साजिश थी। यह वास्तव में साजिश थी। यह संविधान और चुनाव प्रक्रिया को ध्वस्त करने की साजिश थी।