पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों ने गुरुवार को भी हड़ताल जारी रखा। इस बीच राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने भी सफाईकर्मियों का वेतन समय पर भुगतान किए जाने की बात कही। अधिकरण ने राष्ट्रीय राजधानी में उनके वेतन के लिए आबंटित बजट पर शुक्रवार तक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता में एक पीठ ने शहर में फैली गंदगी और कचरे पर दिल्ली सरकार एवं नगर निगमों की खिंचाई करते हुए यह टिप्पणी की कि सरकार और निगम के बीच तनातनी के कारण जनता परेशानी झेल रही है। पीठ ने कहा कि कर्मचारियों के वेतन का भुगतान बिना किसी देरी और चूक के समय पर किया जाना चाहिए। अब सभी जाग जाएं, बहुत हुआ। कल सभी अधिकारी उपस्थित हों और रेकॉर्ड के साथ उचित जवाब दाखिल करें। हरित पैनल ने दिल्ली सरकार को यह निर्देश दिया कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को उसके समक्ष दर्ज कराए जिसमें अदालत ने अधिकारियों से यमुना पार इलाकों में कचरा हटाने के लिए कहा था।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारी वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण आम आदमी पार्टी के शासनकाल में पांच बार हड़ताल कर चुके हैं। इस मामले में आम आदमी पार्टी निगम में काबिज भाजपा को उसके लिए दोषी ठहरा रही है, उधर तीनों निगमों में काबिज भाजपा और निगम के नेता लगातार आप पार्टी की सरकार पर निगम को उसके हक की राशि नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं। दोनों दलों के एक दूसरे पर लगाए जा रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच उसका नतीजा पूर्वी दिल्ली के आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के आठवें दिन पूर्वी दिल्ली में जगह जगह कूड़े के ढेर लगे दिखाई दिए। गुरुवार को सुबह से कर्मचारी अपने कार्यक्रम के अनुसार निगम मुख्यालय पर एकत्रित हुए। इसके बाद निगम मुख्यालय में पूरी तरह से तालाबंदी कर दी। जिसके कारण गुरुवार को प्रस्तावित स्टैंडिंग समिति की सभा भी स्थगित करनी पड़ी। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एमसीडी स्वच्छता कर्मचारी यूनियन संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष संजय गहलोत ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन से ही निगम और दिल्ली सरकार से पूर्वी दिल्ली में कार्यरत सभी कमर्चारियों की समस्यायों के स्थाई समाधान गुहार लगाई लेकिन के गुहार बेनतीजा रही।
119 करोड़ का शिक्षा फंड कर्मचारियों को दिल्ली सरकार की ओर से 119 करोड़ का फंड जारी शिक्षा विभाग के लिए था। लेकिन अब इसे आनन-फानन में सफाई कर्मचारियों को दिया जा रहा है। जिससे अब विभाग के लोग सकते में हैं और न केवल सफाईकर्मी बल्कि नाला बेलदार, माली शिक्षा, हेल्थ, उद्यान विभागकर्मी भी हड़ताल में शामिल होने की तैयारी में हैं। प्रदर्शनकारियों के समक्ष स्थाई समिति के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा कि कर्मचारियों की समस्या के समाधान के लिए वह वह स्वयं सभी निगम पार्षदों के साथ आंदोलन में शामिल होंगे।
गहलोत ने कहा कि ऐसा होता है तो निगम के साथ सहयोग करेंगे और दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य और हितों का ध्यान में रखते हुए आगे की रणनीति और विचार किया जा सकता है। अब यूनियन ने फैसला किया है स्थाई समाधान होने तक काम बंद कर सभी निगम मुख्यालय पर ही रोजाना एकत्रित होंगे। इसी बीच यूनियन ने अपनी आगामी रणनीति को आगे बढ़ाते हुए क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है, जिसमे 5 कर्मचारी क्रमश: शशि बाला, विनोद वैद, पुष्पेंद्र त्यागी, संजय सुमन, और सुनील जीनवाल निगम मुख्यालय पर चल रहे धरने पर भूख हड़ताल पर बैठ गए। यूनियन के नेता संजय गहलौत ने बताया कि स्थाई समाधान होने तक काम बंद हड़ताल यथावत जारी रहेगी।

