कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी ने समन भेजकर मामले में पूछताछ के लिए अभिषेक बनर्जी को 6 सितंबर को और पत्नी रुजिरा को 1 सितंबर को पेश होने के लिए कहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने अभिषेक व उनकी पत्नी के बैंक डिटेल भी मांगे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी कंपनी में ऐसी कंपनियों के फंड ट्रांस्फर करवाए जिन पर कोयला घोटाले में लिप्त होने के आरोप लगे हैं। इसके एवज में कंपनियों से कुछ बोगस एग्रीमेंट भी करवाए गए। जिन कंपनियों पर यह आरोप लगाए गए हैं, अभिषेक बनर्जी के पिता और ममता बनर्जी के भाई भी ऐसी ही एक कंपनी के डायरेक्टर हैं। बताते चलें कि कोयला स्कैम की जांच ED के साथ-साथ CBI भी कर रही है।

यह पहला मौका नहीं है जब अभिषेक बनर्जी व उनकी पत्नी को पूछताछ के लिए बुलाया गया हो, इससे पहले भी उनसे एक बार पूछताछ हो चुकी है। यह पड़ताल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान हुई थी। लिहाजा इस पर जमकर सियासी घमासान भी हुआ था। 23 फरवरी को CBI की टीम ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी के साथ डेढ़ घंटे तक पूछताछ की थी।

रिश्तेदारों से भी हुई थी पूछताछ: इससे पहले CBI ने 15 मार्च 2021 को अभिषेक बनर्जी की साली मेनका के पति अंकुश और ससुर पवन अरोड़ा को पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था।

क्या है कोयला घोटाला: इस मामले का खुलासा पिछले साल चुनावी सरगर्मियों के बीच हुआ था। 27 नवंबर 2020 को CBI की कोलकाता एंटी करप्शन ब्रांच ने पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अवैध खनन और उसकी ढुलाई से जुड़ा मामला दर्ज किया था। इन हिस्सों में खनन की जिम्मेदारी कोल इंडिया लिमिटेड के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ECL को दिया गया था। ECL ने की एक टीम ने अपनी जांच में पाया कि पट्टे क्षेत्र में व्यापक रूप से अवैध कोयला खनन और उसकी ढुलाई हो रही है। इसके बाद यहां बड़े पैमाने पर कोयले की जब्ती की गई थी।

आसनसोल से लेकर पुरुलिया और बांकुड़ा तक और झारखंड में धनबाद से लेकर रामगढ़ तक कोल पट्टी में कई ऐसी खदानें हैं जहां खनन कार्य बंद था लेकिन खनन माफिया अवैध तरीके से काम कर रहे थे। नवंबर 2020 में CBI ने इसी सिलसिले में ECL के कई अधिकारियों समेत रेलवे और CISF के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

इस मामले में अनूप माझी उर्फ लाला मुख्य संदिग्ध है। ईडी ने पहले दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध व्यापार से प्राप्त धन के लाभार्थी हैं, जबकि उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है।