Bombay High Court: मुंबई के पूर्व पुलिस अफसर सचिन वाजे (Mumbai former cop Sachin Waze) को सेशन कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद वाजे जेल में ही रहेंगे, क्योंकि वह अन्य मामलों में न्यायिक हिरासत में है। शुक्रवार(18 नवंबर, 2022) को मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering case) मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वज़े को जमानत दे दी गई थी। उन्होंने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि मुख्य आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है और देशमुख के विपरीत वाजे खुद कभी गिरफ्तार नहीं हुए थे।

सचिन वाजे, महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान मुकेश अंबानी के घर एंटीला के पास जिलेटिन रखने को लेकर सुर्खियों में आए थे। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई महीनों से हिरासत में चल रहे वाजे को सत्र न्यायालय ने राहत दी है। हालांकि, अन्य मामलों में न्यायिक हिरासत होने के बाद, वाजे अभी जेल में ही रहेंगे।

एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को जमानत

वहीं बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने 2018 के एल्गार परिषद मामले (Elgar Parishad) में गिरफ्तार किए गए प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे (Anand Teltumbde) को शुक्रवार को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी है। हालांकि NIA के वकील संदेश पाटिल की अपील पर कोर्ट ने आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। एजेंसी ने यह समय इसलिए मांगा ताकि वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सके।

बता दें, तेलतुंबडे के खिलाफ माओवादियों से संबंध के आरोप थे। उनके भाई मिलिंद तेलतुंबडे कई साल पहले घर छोड़कर चले गए थे। वो एक माओवादी नेता थे। उनको पिछले साल नवंबर महीने में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली इलाके में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मार दिया गया था।

अप्रैल, 2020 में तेलतुंबडे को किया गया था गिरफ्तार

जस्टिस ए एस गडकरी और एम एन जाधव की खंडपीठ ने 73 वर्षीय तेलतुंबडे द्वारा दायर जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया है, जो अप्रैल 2020 में इस मामले में गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं। जब पुणे पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा था। हालांकि, तब वो घर पर नहीं मिले थे। इसके बाद जब मामला NIA को सौंपा गया था, तब उनको गिरफ्तार किया गया था।