प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (8 जुलाई) को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को अगले हफ्ते जांच के लिए समन जारी किया है। ईडी के अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी। पूनम जैन को 14 जुलाई 2022 को ईडी मुख्यालय में जांचकर्ताओं के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।

इससे पहले गुरुवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका में सत्येंद्र जैन को कैबिनेट मंत्री के पद से सस्पेंड करने की मांग उठाई गई थी। इस याचिका को बीजेपी नेता नंद किशोर गर्ग ने दायर किया था, जिसे जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और सुब्रमण्यम प्रसाद ने खारिज कर दिया था।

याचिका में कहा गया था कि सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगे हैं, बावजूद इसके वह कैबिनेट मंत्री को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं इसलिए उन्हें मंत्रीपद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि नियम-कानून बनाना हमारा काम है और याचिका को खारिज कर दिया।

ईडी की हिरासत में सत्येंद्र जैन: गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह ईडी की ही हिरासत में हैं। सत्येंद्र जैन ने जमानत की अर्जी भी लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। कोर्ट ने इस बारे में कहा था कि जमानत मिलने पर सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

जैन के सहयोगियों के घर छापे: सत्येंद्र जैन के घर पर ईडी ने कई छापे मारे थे। जैन की गिरफ्तारी के बाद एजेंसी ने उनके परिवार और सहयोगियों के घरों पर छापा भी मारा था। जिसमें 2.85 करोड़ रुपए नकद और 133 सोने के सिक्के जब्त करने का दावा किया गया था। ईडी ने अंकुश जैन और वैभव जैन, सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन, नवीन जैन और सिद्धार्थ जैन, जीएस मथारू और योगेश के यहां छापा मारा था। ईडी ने अप्रैल में सत्येंद्र जैन के परिवार और उनकी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी वहीं, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की तरफ से लगातार मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को झूठा बताया जा रहा है।

सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने और उनके परिवार ने 2011-12 में 11.78 करोड़ रुपए और 2015-16 में 4.63 करोड़ रुपए के हेरफेर के लिए चार शेल कंपनियों की स्थापना की थी। आयकर विभाग ने इन लेन-देन की जांच कर जैन से जुड़ी “बेनामी संपत्ति” को कुर्क करने का आदेश जारी किया था। जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के कागजात दिखाकर जैन से सवाल पूछे थे तो उन्होंने कोरोना के कारण याददाश्त चले जाने का दावा किया था।