महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना नेता के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर की 78.38 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक मामले में एक सहकारी चीनी मिल की अवैध बिक्री से संबंधित एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पूर्व मंत्री की संपत्तियों को कुर्क किया गया है।
ईडी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा 26 अगस्त 2019 को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी। एफआईआर के मुताबिक, सहकारी चीनी मिलों को एमएससीबी के तत्कालीन अधिकारियों और निदेशकों द्वारा उनके रिश्तेदारों/निजी व्यक्तियों को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना धोखाधड़ी से औने-पौने दामों में बेच दिया गया था।
ईडी की जांच से पता चला है कि जालना एसएसके लिमिटेड की स्थापना 1984-85 में लगभग 235 एकड़ भूमि पर हुई थी। जालना एसएसके एमएससीबी से लिए गए लोन को चुकाने में विफल रही और 2002 में इसे एनपीए घोषित कर दिया गया। अपनी बकाया राशि की वसूली के लिए एमएससीबी ने 2009 में SARFAESI एक्ट के तहत एसएसके का कब्जा ले लिया। इसके बाद, MSCB ने 42.18 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य के साथ नीलामी की। उक्त नीलामी में केवल दो पक्षों ने भाग लिया। उस समय चीनी मिल की कीमत करीब 70 करोड़ रुपये थी।
एक अन्य मामले में ईडी ने असम स्थित औद्योगिक सहकारी बैंक लिमिटेड के एक पूर्व प्रबंध निदेशक को बैंक के साथ कथित वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में धनशोधन रोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया है। ईडी की तरफ से कहा गया कि सुभ्रा ज्योति भराली को 22 जून को हिरासत में लिया गया था और अगले दिन गुवाहाटी में एक विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया था।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि औद्योगिक सहकारी बैंक लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) को कोर्ट ने सात दिन की रिमांड पर भेज दिया। इस बयान में आगे कहा गया है कि ईडी ने धनशोधन के अपराध में शामिल होने और पीएमएलए जांच में सहयोग न करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया है।