देशभर में त्योहारों की धूम है। जनमाष्टमी से शुरू हुए धार्मिक त्योहारों का सिलसिला अब गणेशोत्सव तक पहुंच चुका है और आगे दुर्गा पूजा को लेकर तैयारियां जोरों शोरों पर है। पश्चिम बंगाल में भी इस त्योहार का खासा रोमांच होता है। इसी बीच पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से एक अच्छी खबर आई है। कोलकाता की दुर्गा पूजा समितियों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये अनोखा तरीका अपनाया है।
समितियों ने इस बाहर शहर के पश्चिमी किनारे पर स्थित खादरपुर 25 पल्ली में पंडालों को सजाने के लिए लगभग 5 लाख बोतलों का इस्तेमाल कर ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरुकता पैदा की जा रही है। इस थीम को पेश करने वाले कलाकार सनातन डिंडा ने कहा, ‘प्लास्टिक की बोतलों के अलावा एयर कंडीशनरों के हिस्सों, पंखों की कॉइल और रेडियेटरों का इस्तेमाल पंडाल तक जाने वाला रास्ता बनाने के लिये किया गया है। हमारा मकसद घर-घर यह संदेश पहुंचाना है कि हर किसी को इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटारे को लेकर सचेत रहना चाहिये।’
National Hindi News, 4 September 2019 LIVE Top Headlines Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
वहीं शहर के लोकप्रिय पूजा पंडालों में से एक ”अहिरितोला सर्बोजोनिन दुर्गोत्सब’ के लिये समिति के सदस्यों ने ”जलसंकट” को थीम बनाने का फैसला किया है। पूजा समिति के एक सदस्य तन्मय ने कहा, ‘हम गुजरात के 1000 साल पुराने कुएं को फिर से बना रहे हैं। एक समय यह कई गांवों के लिए जल स्रोत हुआ करता था। इसी तरह, संतोषपुर झील पल्ली में बर्फ से ढकी लगभग 10 फुट ऊंची पहाड़ी भी पंडाल के प्रवेश द्वार को सुशोभित करेगी।’
पूजा समिति के महासचिव सोमनाथ दास ने कहा कि लोगों को ग्लोबल वॉर्मिंग के मुद्दे को लेकर जागरुक करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘हम इस प्रतिकृति पहाड़ी के बर्फ को पिघलने से बचाने के लिये विशेष संरक्षण तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। मुझे आशा है कि हमारे प्रयास रंग लाएंगे और आगंतुकों को बढ़ते वैश्विक तापमान के खतरों के बारे में कुछ सीखने को मिलेगा। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए कदम उठाना बेहद जरूरी है।’