Dularchand Yadav Murder Case: पटना ज़िले के मोकामा टाल इलाके के बाहुबली दुलारचंद यादव की गुरुवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना भदौर के बसावनचक गांव के पास जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के चुनाव प्रचार के दौरान हुई। इस घटना के बाद पूरे इलाके को पुलिस और अर्धसैनिक बलों की छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया। घटनास्थल पर आलाधिकारी कैंप कर रहे हैं।
दुलारचंद यादव घोसवरी के तारतार गांव के रहने वाले थे। इधर, दुलारचंद यादव की बहू और अन्य परिजनों ने हत्या करने का आरोप एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह व उनके समर्थकों पर लगाया है। परिजनों का कहना है कि पैर में गोली मारने के बाद उनके शरीर पर गाड़ी चढ़ाई गई।
इस मामले में दुलारचंद के पोते के बयान पर अनंत सिंह, उनके दो भतीजे रणवीर व कर्मवीर के अलावा छोटन सिंह व कंजय सिंह समेत कई अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
आरोप-प्रत्यारोप
सारा खेल सूरजभान का है- अनंत सिंह
दुलारचंद की हत्या के बाद अनंत सिंह ने कहा कि हम लोग चुनाव प्रचार कर रहे थे। रास्ते में देखा कि 100 से ज्यादा गाड़ियां खड़ी हैं। हम लोग समझे कि कोई और वोट मांग रहा है। इसके बाद हम लोग आए, तो वे लोग मुर्दाबाद का नारा लगाने लगे। हमने किसी को कुछ भी बोलने से मना कर दिया। हम लोग 30 गाड़ियां लेकर आगे बढ़ गए और 10 गाड़ियां पीछे रह गईं। उनमें रहे हमारे समर्थकों को मारना-पीटना शुरू कर दिया गया।
अनंत ने कहा कि सूरजभान का यह खेला था कि किसी तरह से मारपीट हो जाए। पूरा खेला सूरजभान का है। वह दुलारचंद को इसलिए साथ रखे हुए था ताकि उससे गाली-गलौज कराई जा सके। सबसे पहले दुलारचंद ने ही हाथ छोड़ा था। गाड़ियों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया। एक गाड़ी वहीं छोड़नी पड़ी।
सारे आरोप बेबुनियाद- वीणा देवी
मोकामा से सूरजभान सिंह की पत्नी राजद प्रत्याशी वीणा देवी ने बताया कि अनंत सिंह के सारे आरोप बेबुनियाद हैं। घटना के वक्त मैं मरांची में पैदल प्रचार कर रही थी। मुझे एक बच्चे ने मोबाइल में दिखाया कि दुलारचंद की हत्या हो गई। मैं चुनाव आयोग से मांग करती हूं कि अनंत सिंह का नामांकन रद्द हो। इस घटना में मेरा और मेरा पति का कोई हाथ नहीं है। पीयूष प्रियदर्शी व उसके समर्थकों और परिजनों से पूछताछ में सच्चाई सामने आएगी।
जनसुराज के नेता प्रियदर्शी ने जारी किया वीडियो
जन सुराज के प्रियदर्शी ने एक वीडियो में कहा कि उनके काफिले पर अनंत सिंह के समर्थकों ने हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया, “वे गुंडागर्दी कर रहे हैं और प्रशासन ने कुछ नहीं किया।” पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने आगे कहा, “दुलारचंदजी यहांलहमारे आंदोलन के एक स्तंभ थे। यह दिनदहाड़े जंगलराज है।”
तेजस्वी बोले- यह जंगलराज है
राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रहने के लिए नीतीश कुमार सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने कहा, “एनडीए के महाजंगलराज में दुर्दांत अपराधी कहर बरपा रहे हैं। मोकामा में सत्ता संरक्षित गुंडों ने एक सामाजिक कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या कर दी।”
एसएसपी ने क्या कहा?
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि पूरे मामले की एफएसएल से जांच कराई गई है। ग्रामीण एसपी ने खुद घटनास्थल का निरीक्षण किया है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों का फुटेज खंगाला जा रहा है। पूरी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। दुलारचंद की मौत संदेहास्पद स्थिति में होना प्रतीत हो रही है।
एसपी ग्रामीण ने क्या बताया?
एसपी ग्रामीण विक्रम सिहाग ने बताया कि गोस्वरी थाना क्षेत्र के बसावनचक गांव के पास प्रियदर्शी और सिंह के समर्थकों के बीच तीखी बहस के बाद झड़प शुरू हो गई। सिहाग ने कहा, “दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर हमला किया और अफरा-तफरी के बीच एक व्यक्ति के टखने में गोली लग गई। एक पक्ष ने आरोप लगाया कि दुलारचंद को गोली मारी गई और फिर सिंह के समर्थकों की एक गाड़ी ने उन्हें कुचल दिया।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़ित की मौत किसी वाहन से कुचलकर हुई। झड़प में, दूसरे पक्ष के 5-7 लोग घायल हुए और 10-12 से ज़्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारी ने बताया कि दुलारचंद के खिलाफ हत्या, चोरी और आर्म्स एक्ट के उल्लंघन सहित आठ मामले दर्ज हैं।
अनंत सिंह के भाई दिलीप के खिलाफ दुलारचंद लड़े थे चुनाव
दुलारचंद पर हत्या, रंगदारी जैसे 11 संगीन मामले दर्ज थे। 80 के दशक में दुलारचंद का टाल इलाके में दहशत का सामराज्य था। वे माओवादी विचार का समर्थक रहे थे। 1990 मे वह कोर्ट से जमानत के बाद राजनीतिक जीवन बीता रहा थे और हाल के दिनों में जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे। दुलारचंद व अनंत सिंह के बीच पुरानी अदावत थी। 1990 में अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह के खिलाफ वे चुनाव भी लड़े थे, पर हार गये थे। कई दिनों से दोनों के बीच जुबानी जंग चल रही थी।
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कांग्रेस नेता की हत्या में भी नामजद थे दुलारचंद
16 नवंबर, 1991 को लोकसभा पंडारक स्थित मतदान केंद्र पर कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की गोली मारकर हत्या हो गई थी। इस मामले में दुलारचंद समेत चार को नामजद अभियुक बनाया गया था। हालांकि बाद में दो लोगों को बरी कर दिया गया था। 2015 में बाढ़ अनुमंडल में हुए संजय सिंह हत्याकांड और 2018 में मोकामा थाना कांड संख्या- 152/18 (आर्म्स एक्ट) में भी उनका नाम उभरा था। हालांकि कई मामलों में वे बरी हो गए, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में स्थानीय दबंग नेता के रूप में उनका नाम लंबे समय तक रहा।
कोल सप्लाई के व्यवसाय से आर्थिक मजबूती मिली
मूल रूप से मोकामा के घोसवरी निवासी दुलारचंद यादव किसान परिवार से आते थे। पिता रामकृष्ण यादव स्थानीय स्तर पर समाजसेवी माने जाते थे। दुलारचंद ने शुरुआती दिनों में ठेकेदारी और कोल सप्लाई के व्यवसाय के जरिये आर्थिक रूप से खुद को मजबूत किया। दुलारचंद यादव पर हत्या, रंगदारी, अवैध हथियार, भूमि विवाद, और चुनावी हिंसा जैसे आरोप शामिल है। साल 2009 के मोकामा विधानसभा चुनाव के दौरान गोलाबारी और बूथ कब्जे की घटना मे भी उनका नाम चर्चाओं में रहा।
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