ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (OSPCB) ने त्योहार पर हवा को स्वच्छ बनाए रखने के इरादे से दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए समय तय कर दिया है। बोर्ड के निर्देशों के अनुसार, लोग शाम 7 बजे से 9 बजे के बीच ही पटाखे फोड़ सकते हैं। इसके अलावा बोर्ड ने कुछ विशेष स्थानों पर पटाखों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं।
बोर्ड ने लोगों से केवल “ग्रीन पटाखों” का उपयोग करने का आग्रह किया है
बोर्ड ने साफ किया है कि बगीचों, पार्कों, और 100 मीटर की दूरी के भीतर के स्कूलों, अस्पतालों, कोर्ट, धार्मिक स्थलों और स्थानीय अधिकारियों द्वारा चिन्हित अन्य क्षेत्रों में पटाखे नहीं बजाए जा सकते हैं। ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों से केवल “ग्रीन पटाखों” का उपयोग करने का आग्रह किया है और बोरियम नाइट्रेट जैसे रसायनों वाले पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
स्लम क्षेत्रों, ज्वलनशील इमारतों, सड़कों, ट्रैफिक वाले स्थानों पर मनाही
बोर्ड ने लोगों को सलाह दी है कि पटाखों की लंबी सीरिज या उन पटाखों का उपयोग न करें जिनकी आवाज 125 डेसिबल से अधिक होती है। इसके अलावा स्लम क्षेत्रों, ज्वलनशील इमारतों, सड़कों और व्यस्त यातायात वाले स्थानों के पास पटाखे न चलाने की भी अपील की गई है।
बोर्ड ने बच्चों के लिए भी विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखे नहीं फोड़ने दिए जाएंगे। बोर्ड ने लोगों से पटाखे फोड़ते समय सूती कपड़े पहनने का अनुरोध भी किया है ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा बनी रहे।
इसके साथ ही, अग्निशमन विभाग ने दिवाली के दौरान सुरक्षा उपायों के तहत भुवनेश्वर में तीन और कटक में चार अस्थायी अग्निशमन केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी, देबेन्द्र कुमार स्वैन ने बताया कि विभाग पूरी तरह से तैयार है और किसी भी आपात स्थिति में सहायता देने के लिए तत्पर रहेगा। उन्होंने लोगों से सुरक्षित और सावधानीपूर्वक दिवाली मनाने की अपील भी की है।
बोर्ड के इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और सभी के लिए एक सुरक्षित दिवाली सुनिश्चित करना है। पटाखों के उपयोग में ये सीमाएं न केवल ध्वनि और वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक होंगी, बल्कि दुर्घटनाओं के जोखिम को भी कम करेंगी।