Digvijay Singh News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर दिवंगत केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का एक वीडियो शेयर किया है। ये वीडियो साल 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का है। जिसमें सुषमा स्वराज चुनाव से पहले सदन को यश्स्वी भव का आशीर्वाद देती हुई दिखाई दे रही हैं उन्होंने इस वीडियो में अपनी वाकपटुता का परिचय देते हुए शानदार तरीके से अपने कार्यकाल के बारे में बताया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस वीडियो को शेयर करते हुए आज के राजनीतिक माहौल से तुलना की है।

दिग्विजय सिंह ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘हर राजनीतिक व्यक्ति को सुषमा जी का सदन में दिया हुआ यह भाषण सुनना चाहिए। विचारधारा में मतभेद होना स्वाभाविक है और लोकतंत्र में होना ही चाहिए पर “मनभेद” नहीं होना चाहिए। लेकिन भाजपा में अटल जी आडवाणी जी सुषमा जी का अध्याय समाप्त हो गया है मोदीशाह का राजनीतिक मॉडल आ गया है।’

जानिए Sushma Swaraj ने क्या कहा था

भारतीय जनता पार्टी की दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज 2 मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो में कह रही हैं, ‘मैं बहुत प्यार से कह रही हूं मेरे भाई कमलनाथ अपनी शरारत से इस सदन को उलझा देते थे और आदरणीय शिंदे जी अपनी शराफत से उसे सुलझा देते थे और इस शरारत और शराफत के बीच बैठी हुईं सोनिया जी की मध्यस्थता, आदरणीय प्रधानमंत्री जी की सौम्यता, आपकी सहनशीलता और आडवाणी जी की न्यायप्रियता के कारण ये सदन चल सका। इस दौरान पूरा संसद भवन में हंसी और ठहाकों की गूंज से भर गया था।’

प्रखर आलोचना के बाद भी व्यक्तिगत संबंध बने रहने चाहिए

उन्होंने इस वीडियो में आगे कहा, ‘आज के दिन मैं अपने पूर्व नेता सदन को याद करना चाहूंगी आदरणीय प्रणब मुखर्जी को, लोकतांत्रिक संस्थाओं में जिनकी आस्था ने भी इस सदन को चलाने में बहुत कारगर भूमिका निभाई। ये इसलिए हुआ क्योंकि भारतीय लोकतंत्र के मूल में एक भाव है और वो भाव क्या है? वो भाव ये है कि हम एक दूसरे के विरोधी हैं,मगर शत्रु नहीं और हम विरोध करते हैं विचारधारा के आधार पर, हम विरोध करते हैं नीतियों के आधार पर हम विरोध करते हैं कार्यक्रमों के आधार पर। अलग-अलग विचारधाराओं के आधार पर अलग-अलग नीतियां बनाती हैं सरकारें उस पर हम आलोचना करते हैं और वो आलोचना भी प्रखर होती है, लेकिन प्रखर से प्रखर आलोचना भी भारतीय लोकतंत्र में एक दूसरे के व्यक्तिगत संबंधों में आड़े नहीं आती है।’

Advani जी के मार्गदर्शन से निभाया कार्यकाल

सुषमा स्वराज ने वीडियो में आगे कहा था, ‘भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष के रूप में मैं आडवाणी जी से मार्गदर्शन लेने जाती थी। वो हमेशा मुझे एक ही निर्देश देते थे, “सदन की गरिमा के अनुरूप ही आचरण करना है।” दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा उन्होंने मुझे सुझाव दिया, और आज मैं इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहूंगी कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में जो भूमिका निभा सकी वो आदरणीय आडवाणी जी के आशीर्वाद के कारण ही हो पाई हूं। उन्होंने आगे कहा कि अध्यक्ष जी अब हम चुनाव में जा रहे हैं। चुनाव में जाने का मतलब था कि मैं सबको विजयी भव का आशीर्वाद देती लेकिन वैसा करूंगी तो असत्य होगा। इसलिए मैं विजयी भव का आशीर्वाद तो नहीं दे पा रही लेकिन यशस्वी भव का आशीर्वाद सबको दूंगी।’

Social Media पर आए ऐसे Comment

इस वीडियो के शेयर करते ही दिग्विजय सिंह को सोशल मीडिया पर लोगों ने जवाब देने भी शुरू कर दिए। @rajeshdikshit78 नाम का ट्वीटर हैंडल दिग्विजय सिंह को जवाब देते हुए कहता है, ‘और भी भाषण हैं इनके.. यही क्यों सिलेक्ट किया..ये जैसे भी रहे पार्टी की प्रतिबद्धता और दामन कभी नहीं छोड़ा..आडवाणी जी को कोई पद नहीं मिला फिर भी आज पार्टी में सगर्व उपस्थित हैं..’ वहीं @imrajeevk नाम के ट्वीटर हैंडल ने लिखा, ‘ये विडीओ राहुल गांधी को दिखायें, और समझायें की विपक्ष को कैसे बर्ताव करना चाहिए ?’ एक और @Adv_Amol_Joshi
नामका ट्वीटर हैंडल दिग्विजय को जवाब देते हुए लिखता है, ‘उनके दौर में आप लोगो का व्यवहार तो और अधिक तानाशाह,निरंकुश व विपक्ष को अत्यंत दोयम दर्जे का समझने का होता था।’