पंकज रोहिला

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ब्लॉग के जरिये दिल्ली के बच्चों को संवेदनाएं और अंहकार के प्रति सजग रहने की शिक्षा दे रहें है। ‘खुशियों की क्लास’ के तहत यह पहल शुरू गई है और इसका लाभ आठवीं कक्षा तक के लाखों छात्रों को मिल रहा है। सरकार ने पूर्णबंदी में बच्चों के शिक्षण नुकसान को कम करने के लिए यह पहल की है।

हाल ही में उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ब्लॉग के जरिए एथेंस की कहानी को साझा किया है। इस कहानी में यह बताने की कोशिश की गई है कि एक अदमी के सबसे अमीर होने की वजह से कैसे अकड़ उसका स्वभाव बन जाता है। साथ ही किस तरह एक आम अदमी उसका अंहकार तोड़ देता है। कहानी का मकसद बच्चों को समाज में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए प्रेरित करना है। इस कहानी के चर्चा के प्रश्न बच्चों के लिए छोड़े गए हैं ताकि वे अपने सवालों के जवाब कहानी से जान सकें। इसके अतिरिक्त बच्चों को घर में परिवार के लोगों के बीच चर्चा करने की भी सलाह दी गई है ताकि बड़ों के अनुभवों से सीख लेकर बच्चे अपना पाठ्यक्रम पूर्ण कर सकें।

अपनी एक ऐसी ही अन्य कहानी शिक्षा मंत्री ने ट्वीट के जरिए साझा कि हैं जिसमें एक भाई बहन के रिश्ते से संवेदना समझाने की कोशिश की गई है। जिसमें किरदार कहता है कि बेटा तुम्हें पसीना आ रहा है। तुम भाई के बोझ से थक गई होगी। थोड़ी देर के लिए हम उसे गोद में उठा लेते हैं। इस पर बहन जवाब देती है कि अंकल बोझ आपके लिए होगा। यह मेरा तो छोटा भाई है बोझ नहीं। यह कहानी रिश्तों की संवेदना समझा रही है और बच्चों से कई सवाल पूछ रही है।
बड़े बच्चों के लिए ‘बड़ा सपना’ चुनौती
कक्षा आठ से बड़े बच्चों के लिए चल रही गतिविधियों में इस बार की चुनौती मेरे सपने की दुनिया है। विशेष डिजीटल अध्ययन के तहत बच्चों को बताना है कि इस दुनिया से क्या
अलग होगा।  बच्चों अपनी प्रमुख तीन बातें लिखकर, फोटो खींचकर, वीडियो बनाकर या कोई और मजेदार तरीके से व्हॉट्सऐप व सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। इसे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए हैशटैग माय ईएमसी से टैग करना है। अपलोड करने के लिए एक लिंक भी साझा किया गया है।