दिल्ली में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसकी वजह से दिल्ली के एम्स, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, जीटीबी सहित कई अस्पतालों में इन मरीजों का आना बढ़ गया है। दिल्ली नगर निगम में दर्ज कुल मामलों में मच्छरजनित बीमारियों के मामलों की संख्या इस साल अब तक 400 के करीब पहुंच गई है। निगम से मिले आंकड़ों के मुताबिक, डेंगू के मामले पिछले एक सप्ताह में 100 से अधिक पाए गए। दिल्ली में डेंगू के मामले बढ़ने के बीच एम्स में कई डाक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और आम जन डेंगू के बुखार से पीड़ित पाए गए। इनमें कम से कम बारह लोग संस्थान से है जो पिछले एक हफ्ते के दौरान डेंगू की चपेट में आए। कुछ पत्रकार भी डेंगू के संक्रमण के कारण भर्ती किए गए।

इसी तरह, डेंगू से संक्रमित मरीजों की संख्या सफदरजंग अस्पताल में भी बढ़ गई है। हालांकि डाक्टरों का कहना है कि डेंगू के कुछ मरीजों की जांच रिपोर्ट में पुष्टि न होने के बावजूद संक्रमण का असर देखा गया है। इसलिए उनका लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक शहर में मच्छरजनित बीमारियों के कुल मामलों की संख्या इस साल अब तक 400 के करीब पहुंच गई है।

निगम की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने 17 सितंबर तक डेंगू के 152 मामले आए। दिल्ली में नौ सितंबर तक डेंगू के 295 मामले दर्ज किए गए थे।रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में डेंगू के 101 नए मामले दर्ज किए गए। इस साल 17 सितंबर तक आए 396 मामलों में से 75 मामले अगस्त में दर्ज किए गए।

राहत की बात यह है कि इस बीमारी के कारण इस साल अभी तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। डा आरएमएल के डा पवन के मुताबिक डेंगू के इस बार के संक्रमण हल्के लक्षणों वाले देखे जा रहे हैं, जिसमें रक्तस्राव नहीं होता तो यह घातक नहीं होता। दिल्ली में डेंगू के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच आते हैं और कई बार दिसंबर तक भी इसके मामले आते देखे गए हैं।

नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि इस साल मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल मौसमी परिस्थितियां होने के कारण सामान्य समय से पहले ही डेंगू के मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल डेंगू के 9,613 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2015 के बाद से मच्छरजनित बीमारी के सबसे अधिक मामले थे। पिछले साल 23 मरीजों की मौत हुई थी जो 2016 के बाद से सबसे अधिक रही।