Who is Samaresh Singh: बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद लालू परिवार इस वक्त अंतर्कलह से जूझ रहा है। यही वजह है कि लालू की फैमिली मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है। लालू परिवार में कलह की शुरुआत तेज प्रताप यादव से शुरू होती जो अब रोहिणी आचार्य तक पहुंच चुकी है। पहले तेज प्रताप ही तेजस्वी और संजय को लेकर आरोप लगाते थे, लेकिन अब लालू की बेटी रोहिणी आचार्य खुलकर मैदान में आ चुकी हैं।

रोहिणी आचार्य ने लालू परिवार से नाता तोड़कर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि परिवार के सदस्यों ने उन पर “गंदी किडनी” के बदले चुनाव टिकट खरीदने का आरोप लगाया है।

अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में रोहिणी आचार्य ने कहा कि यह एक “पाप” था कि उन्होंने अपने पति और बच्चों पर ध्यान देने के बजाय अपने पिता को किडनी देकर बचाना चुना। रोहिणी ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मेरे लिए, यह बहुत बड़ा पाप था कि मैंने अपने परिवार, अपने तीन बच्चों का ध्यान नहीं रखा, किडनी दान करते समय अपने पति या ससुराल वालों से अनुमति नहीं ली… मैंने जो किया वह अपने भगवान, अपने पिता को बचाने के लिए किया, और आज इसे गंदा कहा जा रहा है… आप में से कोई भी मेरी जैसी गलती कभी न करे, किसी भी परिवार में रोहिणी जैसी बेटी कभी पैदा न हो।”

रोहिणी आचार्य के आरोपों के बीच सभी का ध्यान सिंगापुर में उनके परिवार की ओर चला गया। जहां रोहिणी अपने पति समरेश सिंह, बेटी अनन्या और दो बेटों आदित्य और अरिहंत के साथ रहती हैं।

रोहिणी आचार्य के पति कौन हैं?

रोहिणी आचार्य ने 2002 में समरेश सिंह से विवाह किया। समरेश पूर्व आयकर आयुक्त रैंक के अधिकारी राव रणविजय सिंह के पुत्र हैं। यह दंपति पहले अमेरिका गया था, फिर सिंगापुर चला गया, जहां वे वर्तमान में अपने तीन बच्चों के साथ रहते हैं।

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समरेश ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बी.ए., दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र, वित्त और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में स्नातकोत्तर तथा इनसीड बिजनेस स्कूल से एमबीए (वित्त) किया है। समरेश वर्तमान में सिंगापुर स्थित एवरकोर में निवेश बैंकिंग, विलय एवं अधिग्रहण के प्रबंध निदेशक हैं। इससे पहले वे स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत थे।

रोहिणी आचार्य के आरोपों के बाद भाजपा ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू यादव ने अपनी बेटी से किडनी प्राप्त करने के बावजूद अपने बेटे तेजस्वी को तरजीह दी। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी यादव परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो अराजकता राजद के बाहर दिख रही थी, वही परिवार के अंदर भी दिखाई दे रही है। ऐसी मानसिकता वाले लोग, जो अपने ही परिवार को एकजुट नहीं रख सकते, बिहार कैसे चलाएंगे? यह उनका निजी मामला है, इसलिए हम ज़्यादा कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन यही मानसिकता उनका भविष्य तय करेगी।

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