दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड (डीएससीएससी) की लचर आपूर्ति के चलते राजधानी दिल्ली में करीब एक लाख राशनकार्डधारी अप्रैल महीने में मिलने वाले सरकारी खाद्यान्न का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (एनएफएस एक्ट) में प्रावधान है की माह शुरू होने से पहले खाद्यान्न उचित दर दुकानों पर पहुंच जाना चाहिए, यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है बावजूद इसके डीएससीएससी समय से खाद्यान्न का उठान नहीं कर पाया, जिसका खामियाजा राशनकार्डधारियों को भुगतना पड़ रहा है।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, फरवरी माह में दिल्ली व ‘एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड’ के अंतर्गत राशन लेने वालों की कुल संख्या 2099563 है। दिल्ली के 17 लाख से अधिक लाभार्थियों के अलावा करीब साढ़े तीन लाख से ऊपर के राशनकार्डधारी ‘एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड’ के अंतर्गत राशन ले रहे हैं। वहीं मार्च महीने में कुल 2082027 राशन कार्डधारियों ने राशन लिया।
1 लाख राशन कार्डधारी राशन लेने से रह गए वंचित
लेकिन अप्रैल में आपूर्ति लचर होने की वजह से 1974376 राशन कार्डधारी ही राशन ले पाए, यानी करीब 1 लाख राशन कार्डधारी या यूं कहें कि करीब 4 लाख लोग राशन लेने से वंचित रह गए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएस) एक्ट 2013 के अध्याय दो में साफ कहा गया है कि यदि कोई लाभार्थी, सरकारी खाद्यान्न का लाभ लेने से वंचित रह जाता है तो उसे खाद्य सुरक्षा भत्ता का भुगतान राज्य सरकार को करना होता है।
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इस भत्ते को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसे लेकर दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ (डीएसआरडीएस) द्वारा पत्र लिखकर विभाग से मई माह के राशन के साथ ही अप्रैल माह का भी खाद्यान्न बचे राशनकार्डधारियों को राशन वितरित किए जाने की अनुमति मांगी थी जोकि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने नहीं दी।
मई माह का खाद्यान्न भी समय से दुकानों पर नही पहुंचा
वहीं डीएससीएससी ने अप्रैल माह का उठान 29 अप्रैल तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से किया। जिसके कारण मई माह का खाद्यान्न भी समय से दुकानों पर नही पहुंचा। इसकी वजह से दिल्ली व अन्य प्रदेशों से आकर दिल्ली में रहने वाले एक लाख कार्डधारियों को अपने हक का राशन लेने से वंचित रहना पड़ रहा है।
