दिल्ली के चार फीसद वोट पर इस समय अधिकार रखने वाले प्रदेश कांग्रेस कमिटी में किसी भी समय बगावत हो सकती है। सीनियर नेताओं और पूर्व विधायकों की अवहेलना और प्रदेश स्तर पर नीतिगत फैसले लेने में खुद को अनसुना महसूस करने वाले कुछ नेताओं ने इस बाबत पिछले दिन कांग्रेस के आलाकमान को भी आगाह कर दिया है। ये वही कांग्रेस कार्यकर्ता हैं जो दिल्ली विधानसभा में तीन से पांच बार तक विधायक बनकर मलाई भी खा चुके हैं। इनमें कुछ पूर्व विधायक तो शीला दीक्षित के मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री बनते-बनते रह गए और इस समय खुद को अपने से जूनियर के साथ काम करने का दायित्व पचा नहीं पा रहे हैं।
गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस के डिजिटल सदस्यता अभियान की शुरुआत पर जिस तरह सोनिया गांधी, राहुल गांधी के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के आदमकद फोटो लगाए गए उससे भी कुछ वरिष्ठ नेताओं में मायूसी छाई है। ऐवान ए गालिब सभागार आइटीओ में कांग्रेस के डिजिटल सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई। उसमें प्रदेश उपाध्यक्षों और अन्य नेताओं के फोटो लगाने तक को पूरी तरह से दरकिनार किया गया।
सरोजिनी नगर में परिषद ने चलाया अतिक्रमण हटाओ अभियान
दिल्ली हाई कोर्ट की सख्ती के बाद नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) का प्रवर्तन दस्ता शनिवार को अतिक्रमण हटाता नजर आया ताकि शहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इलाके में भीड़ से बचा जा सके। सरोजिनी नगर बाजार कारोबारी संघ के मुताबिक दुकानें सम-विषम के आधार पर खोली गई हैं, लेकिन इसके बावजूद सप्ताहांत और क्रिसमस की वजह से भीड़ होने की आशंका है।
एनडीएमसी के अधिकारी का कहना था कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए शनिवार को बाजार के सभी हितधारकों के साथ बैठक की गई। बैठक में साफ तौर पर कहा गया कि बाजार में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अदालत के आदेश का पूरी तरह पालन किया जाएगा।
सरोजिनी नगर मिनी मार्किट व्यापार संगठन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने कहा कि केवल सरोजिनी नगर बाजार में यह लागू करने से क्या उद्देश्य पूरा होगा? सब कुछ खुला है, सभी बाजार खुले हैं लेकिन इसी बाजार को सबसे अधिक महामारी फैलाने वाला माना जा रहा है। अगर हमें कोरोना संक्रमण और ओमीक्रान से लड़ना है तो सभी पर एक समान नियम लागू करने की जरूरत है।