AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली पुलिस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पुलिस अपनी पीठ थपथपाना बंद करे और मामले में बेगुनाह लोगों को बलि का बकरा बनाना बंद करे। ओवैसी ने पूछा कि दंगों में मारे गए फैजान के हत्यारों का पुलिस पता क्यों नहीं लगा पाई है।
ओवैसी ने सवाल किया, ‘वही आदेश जिसमें कोर्ट ने आपके वरिष्ठ अधिकारियों को कोई भी ऐसा निर्देश न देने की सलाह दी थी जो कि कानून के मुताबिक नहीं हो? ओवैसी ने कहा कि कोई भी प्रो-राटा गिरफ्तारी की मांग नहीं कर रहा है। मेरे ट्वीट दिल्ली पुलिस के अब तक के कामकाज के बारे में बताते हैं। दंगों के लिए जिम्मेदार नेताओं को रिहा कर दिया गया है। क्या उन पुलिसवालों की कोई जवाबदेही नहीं है जिन्होंने हिंसा में भाग लिया था या हिंसा होने दी थी। फैजान के हत्यारे कहां हैं? एसआई भाटी कहां है? बलि का बकरा ढूंढना बंद करो। बहाने बनाना बंद करो। अपना काम करो।’
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया, ‘बेहतर समझ के लिए कृपया माननीय दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश को पढ़ें। प्रो-राटा गिरफ्तारी करना कंगारू कोर्ट चलाने जैसा है। दिल्ली दंगा पीड़ित कानून के शासन में रहने के लायक हैं। दंगों की जाँच में दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता का रिकॉर्ड रहा है।’
The same order that advised your senior officers to not pass any instructions that aren’t in accordance with law?
No one is demanding pro-rata arrests. In fact my whole thread shows Delhi Police’s lawlessness so far. Leaders most responsible for pogrom have been let off 1/2 https://t.co/5UANZYrsPu
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 5, 2021
बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के एक मामले में गुरुवार को अदालत ने दो लोगों को जमानत दे दी। अदालत ने यह कहते हुए कि जमानत दी कि उनकी उपस्थिति अपराध के स्थल पर स्वाभाविक थी क्योंकि वे आसपास के इलाके में रहते थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने वेलकम इलाके में दंगों के दौरान प्रेम सिंह की कथित हत्या के मामले में मोहम्मद शारिक और मोहम्मद शहजाद को 15,000 रुपये की जमानत राशि देने पर जमानत दी। अदालत ने कहा कि दोनों आरोपियों को FIR दर्ज होने के लगभग सात महीने बाद पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था।
कोर्ट ने कहा कि हालांकि गवाह थे, फिर भी कोई न्यायिक परीक्षण नहीं किया गया है और आरोपियों की पहचान उनकी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों के आधार पर हुई है।

