Delhi Rekha Gupta Government: जनसत्ता में 14 अप्रैल 2025 को प्रकाशित खबर ‘सरकारी कर्मचारी खा रहे मुफ्त का राशन’ का बड़ा असर देखने को मिला है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि 5621 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो अयोग्य होने के बावजूद वर्षों से मुफ्त राशन का लाभ ले रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, राजस्व विभाग और आइटी विभाग की संयुक्त जांच में यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। सरकार अब ऐसे सभी लाभार्थियों पर कानूनी व विभागीय कार्रवाई की तैयारी कर रही है। साथ ही एक ‘एकीकृत डाटा हब’ स्थापित किया जाएगा, जिससे सभी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों का पारदर्शी और सत्यापित डाटा उपलब्ध रहेगा।

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जांच में यह पाया गया कि इन कर्मचारियों में शिक्षक, डाक्टर, नर्स, लैब सहायक, लाइब्रेरियन सहित कई अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। इनमें से 395 कर्मचारियों ने तो राशन कार्ड में खुद को परिवार का मुखिया भी दर्शाया है। हैरानी की बात यह है कि 3000 से अधिक लाभार्थियों ने आय प्रमाण पत्र में सालाना आय एक लाख से अधिक बताई थी, इसके बावजूद वे मुफ्त गेहूं और चावल प्राप्त कर रहे थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गरीबों के अधिकारों पर सीधा हमला है। सरकार किसी भी सूरत में ऐसे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

2025 में शुरू हुआ ई-केवाईसी सत्यापन

उल्लेखनीय है कि 2013 के बाद से राशन कार्ड सत्यापन और नवीनीकरण की प्रक्रिया पिछली सरकारों में ठप रही, जिससे इस प्रकार की अनियमितताओं को बढ़ावा मिला। साल 2025 में ई-केवाईसी सत्यापन का कार्य शुरू हुआ। भाजपा शासित दिल्ली सरकार ने पिछली सरकार की अनियमितता व नए राशन कार्ड जारी करने पर लगी रोक की शुरूआती जांच की तो 5621 ऐसे लोग सामने आए जो दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारी हैं।

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