साल 2000 से ही फरार चल रहा दिल्ली का एक शख्स 25 साल बाद महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस द्वारा 25 साल पहले उसे एक मामले में घोषित अपराधी घोषित किया गया था लेकिन वो मुकदमे में शामिल होने पहले ही दिल्ली से अपना घर छोड़कर फरार हो गया। कुछ समय बाद जब मामला ठंडे बस्ते में चला गया, क्योंकि कोई भी सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग रहे थे। इस महीने की 4 तारीख को पुलिस ने सुनीत अग्रवाल नाम के इस आरोपी शख्स को गिरफ्तार किया।
अधिकारियों ने बताया कि अग्रवाल ने कथित तौर पर अपना नाम बदल लिया था और एक नई पहचान बना ली थी। दिल्ली से भागने के बाद उसने अपना परिवार शुरू करने के लिए शादी कर ली थी। वह दिल्ली में अपने परिवार और रिश्तेदारों से भी संपर्क करने से बचता रहा। पुलिस ने बताया कि लंबे अंतराल के बाद, इस मामले में पहली सुराग पिछले साल मिला। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “तकनीकी सबूतों की वजह से यह सफलता मिली।” जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “पिछले साल दिल्ली में अग्रवाल के दो भाइयों को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ किया, जिसके बाद हम उस तक पहुंच सके। उन पर भी इस मामले में आरोप था।”
अपनी पत्नी को भी नहीं बताया था क्राइम कुंडली
दिल्ली से मुंबई शिफ्ट होने के बाद, मुख्य आरोपी ने कथित तौर पर शुरुआत में गाड़ियों की खरीद के लिए लोन मुहैया कराया और फिर नकली आभूषण बनाने का काम शुरू कर दिया। क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) संजीव कुमार यादव ने बताया, “वह बार-बार अपना हुलिया बदलता, घर बदलता और मोबाइल नंबर बदलता रहता था।” यादव ने आगे बताया, “वह दिल्ली में अपने रिश्तेदारों या पड़ोसियों से भी संपर्क करने से कतराता था। वह हर छह महीने में अपना पता भी बदल देता था।”
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अग्रवाल के खिलाफ मामला वर्ष 2000 का है। सुनीत अग्रवाल उर्फ पप्पी उर्फ बबली ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया था। पुलिस के अनुसार सुनीत ने अपहरण करने वाले से 40,000 रुपये की फिरौती मांगी थी।” जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोप पत्र भी दाखिल किया। हालांकि, अग्रवाल ने मुकदमे में शामिल न होने का फैसला किया। बाद में पुलिस द्वारा उसे ‘घोषित अपराधी’ घोषित कर दिया गया।
इस मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में आखिरकार उसका पता लगा लिया गया। फिर, एक नाटकीय ढंग से पीछा किया गया और फिर आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारी ने बताया कि अग्रवाल ने अपना अतीत पूरी तरह से भुला दिया था और मुंबई में नए सिरे से जिंदगी शुरू कर दी थी। अधिकारी ने कहा, “उसकी पत्नी को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह कभी किसी अपराध में शामिल था। लेकिन वह अपने अतीत से भाग नहीं सकता था।”