उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली पुलिस में सिपाही से लेकर उप-निरीक्षक रैंक तक के पुलिसकर्मियों को उनकी सेवानिवृत्ति के दिन वर्तमान पद से एक पद ऊपर मानद रैंक प्रदान करने को मंजूरी दे दी है। राज निवास के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हालांकि इससे उन्हें कोई वित्तीय और पेंशन लाभ नहीं मिलेगा।

उपराज्यपाल से मिली इस मंजूरी का लाभ दिल्ली पुलिस के 88 हजार कर्मियों को होगा। जिनमें उप-निरीक्षक, सहायक उप-निरीक्षक, प्रधान सिपाही व सिपाही लाभान्वित होंगे। राज निवास के अधिकारी ने बताया कि इसका लाभ दिल्ली पुलिस के गैर-राजपत्रित रैंकों में कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगा। वैसे कर्मचारी जो अपने वर्तमान रैंक में दो वर्ष पूरे कर चुके हैं, पिछले पांच वर्षों से उनकी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रपट अच्छी है और सेवा के दौरान उन्हें कोई बड़ी सजा नहीं मिली है, वे मानद रैंक के पात्र होंगे।

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उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति के समय उप-निरीक्षक को निरीक्षक का मानद पद दिया जाएगा, सहायक उप-निरीक्षक (एएसआइ) को उप-निरीक्षक का पद मिलेगा, प्रधान सिपाही को सहायक उप-निरीक्षक का रैंक और सिपाही को प्रधान सिपाही का मानद पद प्रदान किया जाएगा। इस कदम से दिल्ली पुलिस के 88 हजार से अधिक कर्मचारियों को लाभ होगा।

इससे पहले मई में गृह मंत्रालय ने केंद्रीय शसस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स के सिपाही से लेकर उप-निरीक्षक पद तक के कर्मियों को उनकी सेवानिवृत्ति के दिन मानद रैंक प्रदान की थी। अधिकारी ने बताया कि बाद में दिल्ली पुलिस ने भी इसी तरह का प्रस्ताव उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था।

सेवानिवृत्त होने वाले पुलिसकर्मियों को मानद रैंक प्रदान करना उनकी लंबी और समर्पित सेवा को औपचारिक मान्यता देता है। सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों का मनोबल बढ़ाता है। साथ ही बल के भीतर सम्मान, अनुशासन और गौरव को बढ़ावा देता है।