दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि सरकार सम-विषम योजना पर लोगों से राय-मशविरा लेगी और इसका अगला चरण लागू करने से पहले दो चरणों के अनुभवों का भी आकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने वाहनों और धूल से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें समर्पित बस लेन चिन्हित करना और सड़कों की ‘वैक्यूम क्लीनिंग’ शामिल है। जैन ने ये बातें यूनाइटेड रेजीडेंट्स ज्वाइंट एक्शन ऑफ डेल्ही की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में कहीं, जहां ‘डेल्ही क्लीन एअर फोरम’ की शुरुआत की गई।

जैन ने कहा कि उन्होंने बस लेनों का उल्लंघन करने वालों पर 2000 रुपए का जुर्माना लगाए जाने से संबंधित एक प्रस्ताव भी उपराज्यपाल नजीब जंग को भेजा है। जंग ने इस पर कुछ आपत्तियां उठाई हैं जिनका समाधान किया जाएगा। जैन ने उन लोगों पर भी हमला बोला जिन्होंने दावा किया था कि सम-विषम के दौरान प्रदूषण बढ़ गया।

उन्होंने कहा कि जब डीजल और पेट्रोल की खपत में 30 फीसद की कमी आई तो प्रदूषण कैसे बढ़ सकता है? सम-विषम को विफल करने के लिए कुछ लोग कहते हैं कि इसकी वजह से प्रदूषण बढ़ा है। यह गलत है। हमारी सरकार नई है। हम असफल हो सकते हैं और असफलताओं को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। जैन ने कहा कि कई बड़े लोग असफलता को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। हम नए हैं, इसलिए सीखने में हमें कोई झिझक नहीं है और अगर हम इसे दोबारा लाते हैं तो हम आपसे पूछेंगे, पिछले अनुभवों से सीखेंगे और उसके बाद ही कुछ करेंगे।