दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार बेहद खराब बनी हुई है। सीपीसीबी के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, बुधवार को दिल्ली के 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र में से 36 में AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार राजधानी में जेएनयू और इग्नू के परिसरों समेत 6 स्थानों पर नए वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करेगी। उन्होंने बताया कि इससे डेटा आधारित प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करना संभव होगा। फिलहाल दिल्ली में 40 निगरानी स्टेशन कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निदेर्शों के अनुसार, दिल्ली सरकार 6 अतिरिक्त स्थानों पर वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि ये स्टेशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अर्थ सेंटर, राष्ट्रमंडल खेल केंद्र और एनएसयूटी (पश्चिमी परिसर) में लगाए जाएंगे, जिससे दिल्ली के वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क को और मजबूती मिलेगी।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इमारतों पर धुंध रोधी गन की अनिवार्यता हटाकर धुंध स्प्रे प्रणाली (मिस्ट स्प्रे सिस्टम) स्थापित करने की योजना शुरू की है। राजधानी के प्रदूषण को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार तत्कालिक उपायों के साथ-साथ दीर्घकालीन योजनाओं पर भी काम कर रही है, ताकि प्रदूषण के संकट को स्थायी रूप से कम किया जा सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि सड़कों पर वायु प्रदूषण नियंत्रित करने में डीटीसी के अधिशेष चालक (सरप्लस ड्राइवर) सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं और उन्हें पेट्रोल पंपों पर वाहन की पीयूसी जांच के लिए भी लगाया गया है।
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प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार उठा रही यह कदम
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वह खुद, उनकी सरकार के मंत्री और विभिन्न विभाग राजधानी के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार सक्रिय हैं। पीयूसी जांच तेज की जा रही है, प्रदूषित औद्योगिक इकाइयों को बंद करवाया जा रहा है, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त किया जा रहा है और धूल नियंत्रण के उपाय लागू किए जा रहे हैं। इसके अलावा, अलाव और कोयला-लकड़ी जलाने की घटनाओं को भी शासन द्वारा नियंत्रित किया गया है।
एंटी-स्माग गन की निगरानी के लिए बनेगा नियंत्रण केंद्र
दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) शहर भर में वायु प्रदूषण से बेहतर ढंग से निपटने के लिए तैनात 200 धुंध रोधी मशीन (एंटी-स्माग गन) के बेड़े की दैनिक प्रदर्शन रपट संकलित करेगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रदूषण नियंत्रण उपायों के तहत, पीडब्ल्यूडी ने सभी 11 जोन में प्रतिदिन आठ-आठ घंटे की पाली में चलाने के लिए 200 मशीन किराए पर ली हैं।
इससे पहले, दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे पानी के छिड़काव और अन्य उपायों की कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया था। परिचालन क्षमता बढ़ाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और जल छिड़काव कार्यों की वास्तविक संख्या सत्यापित करने के लिए एक निगरानी प्रणाली की आवश्यकता है। सीएम ने बताया कि धुंध रोधी मशीन के बेड़े की दैनिक निगरानी के लिए पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में स्थित नियंत्रण कमान केंद्र में दो करोड़ रुपए से अधिक की लागत से एक निगरानी डैशबोर्ड स्थापित किया जाएगा।
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