राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने छह दिनों का मौसम पूर्वानुमान जारी कर संभावना जताई है कि राजधानी की न्यूनतम पारा 5 डिग्री तक गिर सकता है। बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री कम के साथ 6.4 डिग्री सेल्सियस रेकार्ड किया गया जबकि अधिकतम पारा भी औसत से 1.6 डिग्री कम 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्ष आर्द्रता का स्तर 100 फीसद दर्ज किया गया जो शाम साढ़े पांच बजे 71 फीसद रहा।
मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, 4 दिसंबर (गुरुवार) को भी न्यूनतम पारा 6 डिग्री और अधिकतम 23 डिग्री रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने सुबह के वक्त कोहरा छाए रहने की उम्मीद जताई है। आइएमडी ने 5 दिसंबर (शुक्रवार) के लिए ठंड को लेकर पीली चेतावनी जारी की है। मौमस विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को सुबह से ही शीतलहर चलने का अनुमान है। शीतलहर के दिनभर और शाम व रात के वक्त भी जारी रहने का अनुमान जताया गया है।
इस दिन न्यूनतम पारा 5 डिग्री तक लुढ़कने की संभावना है जबकि, अधिकतम तामपान 23 डिग्री बना रह सकता है। आइएमडी के मुताबिक, 6 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री तो 7, 8 व 9 दिसंबर को न्यूनतम पारा 9 डिग्री सेल्सियस रेकार्ड होने की उम्मीद है। इस दौरान अधिकतम तापमान 24-25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। हालांकि, मौसम विभाग ने 5 दिसंबर को छोड़कर बाकी दिनों के लिए किसी तरह की कोई चेतावनी जारी नहीं की है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में
राजधानी में वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के के मुताबिक बुधवार को दिल्लीवासियों ने जहरीली हवा में सांस ली। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 342 के साथ बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। सीपीसीबी के मुताबिक 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) शाम 4:00 बजे 342 रहा, जबकि मंगलवार को यह 372 और सोमवार को 304 था।
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दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब श्रेणी में रहने की संभावना है। पूर्वानुमान में रात में धुंध और कोहरा छाए रहने की भी भविष्यवाणी की गई है। सीपीसीबी के समीर ऐप के मुताबिक 39 निगरानी केंद्रों में से 32 ने 300 से ऊपर के स्तर के साथ एक्यूआइ को बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया। नेहरू नगर में सबसे अधिक एक्यूआइ 378 दर्ज किया गया।
बेहद खराब हवा दर्ज करने वाले अन्य केंद्रों में आरके पुरम, बुराड़ी, आनंद विहार, मुंडका, बवाना, विवेक विहार, अलीपुर, शादीपुर और उत्तरी परिसर शामिल थे। बुधवार को दिल्ली के प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का योगदान 16 प्रतिशत था, जो स्थानीय प्रदूषण कारकों में सबसे अधिक है। गुरुवार को राजधानी की जहरीली हवा में परिवहन उत्सर्जन का योगदान 14.3 फीसद रहने का अनुमान है।
केंद्र ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्देश जारी किए हैं : सिरसा
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि केंद्र ने सभी एनसीआर शहरों को धूल पर नियंत्रण करने, गड्ढों की मरम्मत करने और सड़कों पर मलबे के लिए जिम्मेदार एजंसियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। सिरसा ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सभी उत्तरी राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की और प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश जारी किए। फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा को सभी प्रमुख सड़कों पर पानी के छिड़काव और ‘एंटी-स्माग’ मशीन के उपयोग के साथ धूल नियंत्रण हासिल करने का निर्देश दिया गया है।
सिरसा ने कहा कि गाजियाबाद ने पहले ही पुराने कचरे को हटा दिया है और इस भूमि पर हरित पट्टी विकसित की है, जबकि नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी इसी तरह के उपायों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि केंद्र ने निर्देश दिया है कि एनसीआर में सभी सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत 72 घंटों के भीतर की जाए और धूल से प्रभावित क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक समाधान छह महीने के भीतर लागू किया जाए। सिरसा ने कहा कि सड़कों पर मलबे के लिए जिम्मेदार पाई जाने वाली किसी भी सरकारी या निजी एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और ‘‘किसी भी एजेंसी को बख्शा नहीं जाएगा।
नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर
नोएडा में प्रदूषण का प्रकोप जारी है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में 30 अंक की कमी भले ही हो गई है। इसके बाद भी यहां प्रदूषण से राहत नहीं मिली। बुधवार को 365 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ लगातार दूसरे दिन नोेएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं, दूसरे नंबर पर हापुड़ और बागपत, तीसरे नंबर दिल्ली सबसे प्रदूषित रही। बता दें कि शहर में खुलेआम रोजाना प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। सड़कों पर वाहनों का बढ़ता दबाव भी प्रदूषण बढा रहा है। वहीं बुधवार को नोएडा के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ ही सेक्टरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। इसमें सेक्टर- 125, सेक्टर- 62, सेक्टर- 1 और सेक्टर -116 की हवा सांस लेने लायक नहीं थी। दो दिन पहले सेक्टर -62 की हवा में हल्का सुधार हुआ था लेकिन फिर प्रदूषण में इजाफा हो गया है।
