MCD Mayor Election : देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित MCD के सदन में हुए हंगामे को पूरे देश ने देखा। भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ही इस हंगामे के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रही हैं। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि आम आदमी पार्टी नियमों का पालन नहीं करना चाहती जबकि आम आदमी पार्टी भाजपा के मन में चोर होने की बात कर रही है। आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि भाजपा गलत तरीके से मेयर चुनाव जीतना चाहती है।

आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार शाम भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि सब जानते हैं AAP के पास बहुमत है। हमारे 134 पार्षद हैं। बीजेपी के 104 पार्षद हैं। हमारा मेयर बनेगा, हमारा डिप्टी मेयर बनेगा। स्टैंडिंग कमेटी हमारी बनेगी। ये सब जानते हैं। हम चुनाव जीते हैं। आम आदमी पार्टी क्यों नहीं चाहेगी कि चुनाव हों। आप चाहती है कि फ्री और फेयर चुनाव हों, ईमानदारी से चुनाव हो और जिसके पास बहुमत हो उसका मेयर बने। भाजपा बेईमानी करना चाहती है। इसीलिए हंगामा हुआ।

क्यों लगा रहे बेईमानी के आरोप?

उन्होंने आगे कहा कि जितने लोग MCD कवर करते हैं- रिपोर्टर्स, एमसीडी को समझने वाले, वकील, शिक्षाविद्, सब लोग यह बात जानते हैं कि मनोनीत पार्षद की कोई वोट नहीं होती। सबसे पहले चुनाव मेयर का किया जाएगा। वो मेयर अपनी देखरेख में बाकी चुनाव करवाएगा।

‘BJP पार्षद को गलत तरीके से बनाया प्रो-टम मेयर’

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रिसाइडिंग अफसर के नाम पर जो प्रोटम मेयर बनाया गया, जो भाजपा के पार्षद को गलत तरीके से बनवा दिया गया, वो सिर्फ मेयर का चुनाव करवा सकती हैं। इसके अलावा कोई चुनाव नहीं करवा सकती हैं। आपको सिर्फ मेयर का चुनाव करवाना है और उसमें चुने हुए पार्षदों से वोटिंग करवानी है। आप वोट करवाइये, मेयर चुनिए और साइड हटिए।

AAP बोली- चुना हुए मेयर करवाएगा बाकी चुनाव

AAP विधायक ने आगे कहा कि फिर चुनाव हुआ मेयर डिप्टी मेयर को चुनेगा, स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों को चुनेगा। चुना हुआ मेयर ही यह तय करेगा कि चुनाव किस दिन, किस समय, किस तरीके से होना है। भाजपा के मन में बेईमानी थी। वो मनोनीत पार्षदों को वोट डलवाना चाहते थे। इसीलिए आज हाउस में हंगामा हुआ।

क्यों लगा रहे मनोनीत पार्षदों की वोटिंग के आरोप?

सुबह-सुबह हाउस शुरू होने से पहले सदन के अधिकारियों ने हमें बताया कि LG हाउस से उनके पास यह आदेश है कि मनोनीत पार्षद वोट करेंगे। अगर इनके मन में चोर नहीं है तो ये बोलें कि मनोनीत पार्षद वोट नहीं करेंगे। एमसीडी कमिश्नर क्यों लिखित बयान नहीं देते कि मनोनीत पार्षद वोट नहीं करेंगे।