भारत में रोजाना मिलने वाले कोरोना के केसों में पिछले 15 दिनों में तेजी से गिरावट आई है। माना जा रहा है कि देश में बढ़ी टेस्टिंग के साथ ही मरीजों की जल्दी पहचान से कोरोना के केस अब स्थिर हो गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राजधानी दिल्ली को लेकर चेतावनी जारी की है। दरअसल, दुनियाभर में सर्दी के मौसम की वजह से कोरोना के बढ़ने का खतरा मंडरा है। दिल्ली में ठंड के साथ खराब होती हवा की गुणवत्ता एक और परेशानी का कारण है, क्योंकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि खराब हवा में सांस ले रहे लोगों के फेफड़ों तक कोरोना पहुंचने की सबसे ज्यादा संभावना है। इससे लोगों पर मौत का खतरा भी बढ़ जाएगा।
गौरतलब है कि कोरोनावायरस मुख्य तौर पर लोगों में जुकाम-बुखार के बाद फेफड़ों पर हमला कर निमोनिया जैसे लक्षण पैदा कर देता है। यानी पहले से खराब हवा में सांस ले रहे लोगों को कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि उनके फेफड़े पहले ही क्षमता से ज्यादा हवा साफ करने का कम करते रहे हैं। इससे पहले कुछ स्टडी में भी खुलासा हुआ है कि प्रदूषण के माहौल में रहने वाले लोगों पर कोरोना से मौत का खतरा सबसे ज्यादा है।
डॉक्टरों का मानना है कि दिल्ली में अभी कोरोना की टेस्टंग बढ़ाकर नए केसों को कम करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सरकार को लोगों को कोविड-19 बिहेवियर यानी कोरोना के दौर में सही व्यवहार को बढ़ावा देना चाहिए। इनमें मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और भीड़ वाली जगहों से दूर रहने जैसे व्यवहार शामिल हैं।
क्या हैं दिल्ली में प्रदूषण के हालात?: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का कहना है कि दिल्ली की एयर क्वालिटी लगातार नीचे जा रही है। मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 304 यानी खराब की कैटेगरी में रखा गया था। इससे पहले सोमवार को एक्यूआई 261, रविवार को 216 और शनिवार को 221 था। यानी बीते चार दिनों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है।
दिल्ली में आज सुबह 11.10 बजे एक्यूआई 321 पहुंच गया। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से प्रदूषण कम करने में सरकार का साथ देने की अपील की। केजरीवाल ने कहा, “हम वायु प्रदूषण का सामना करने के लिए ‘लाल बत्ती चालू, गाड़ी बंद’ अभियान चला रहे हैं। दिल्ली में एक करोड़ रजिस्टर्ड गाड़ियां हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर 10 लाख गाड़ियां भी ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन बंद कर दें, तो एक साल में 1.5 टन पीएम-10 प्रदूषक कम हो जाएंगे।”

