ED Discloses In Court On Liquor Scam: दिल्ली शराब नीति घोटाला और मनी लांड्रिंग मामले में सीबीआई और ईडी ने कोर्ट के सामने नए खुलासे किये हैं। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) को बताया कि दिल्ली सरकार की शराब नीति में कई तरह की गड़बड़ियां मिली हैं। ईडी ने दावा किया है कि साक्ष्यों को मिटाने के लिए दिल्ली का व्यापारी अमित अरोड़ा (Amit Arora) और आबकारी मंत्री (Excise Minister of Delhi) मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने 11 मोबाइलों का उपयोग किया और फिर बदल दिया। ये सभी फोन कथित तौर पर शराब घोटाले की अवधि में ही उपयोग में लाये गये थे। इनकी कीमत करीब एक करोड़ 38 लाख रुपये थी। जिन अन्य लोगों ने अपने फोन बदले उनमें कई शराब कारोबारी (Liquor Barons) और कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं।
अमित अरोड़ा ने Mobile Phones बदलने से किया इंकार
गुरुग्राम स्थित ‘बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक गुरुग्राम स्थित ‘बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक अमित अरोड़ा को मंगलवार को ईडी ने गिरफ्तार किया। वे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का करीबी माने जाते हैं। हालांकि अमित अरोड़ा ने फोन बदले जाने से साफ इंकार किया है। उनका कहना है कि उसे 22 बार ईडी जांच के लिए बुला चुकी है। कई बार सिर्फ फोन करके बुलाया गया और वे हर बार पेश हुए। उन्होंने कहा कि सीबीआई उनके घर पर भी छापा मार चुकी है।
CBI के आरोप पत्र में इन्हें वित्तीय हेराफेरी में शामिल बताया गया है
सीबीआई ने मामले में हाल ही में दायर आरोपपत्र में दावा किया है कि अमित अरोड़ा और दो अन्य आरोपी दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ‘करीबी सहयोगी’ हैं और वे आरोपी लोक सेवकों के लिए शराब लाइसेंस धारियों से जुटाए गए धन के ‘अवैध वित्तीय प्रबंधन एवं हेराफेरी करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।’
ईडी ने पिछले सप्ताह इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र (अभियोजन शिकायत) भी दायर किया था, जिसमें गिरफ्तार व्यवसायी समीर महेंद्रू, उनकी कंपनी इंडोस्पिरिट तथा कुछ अन्य कंपनियों को नामजद किया गया है। कोर्ट में ईडी ने कहा कि अरोड़ा ने रिश्वत के जरिए करीब 2.5 करोड़ रुपये जुटाए थे। वह पंजाब के पटियाला में मैन्युफैक्चरर और रिेटेलर हैं, जबकि उनके पास पहले से ही दिल्ली में लाइसेंस मिला हुआ है। ऐसे में उनका काम नियम विरुद्ध है। ईडी ने उनकी 14 दिन की कस्टडी मांगी, हालांकि कोर्ट ने सिर्फ सात दिन की ही अनुमति दी।