दिल्ली विधानसभा की एक विशेष कमेटी क्रिकेट और हॉकी फेडरेशनों में बरती गई अनियमितताओं और कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराएगी। इस बाबत विधानसभा में सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया। दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र का सोमवार को अंतिम दिन था। इस दौरान सदन में दिल्ली मूल्य संवर्द्धित प्रथम विधेयक 2016 भी पास किया गया। इस विधेयक को बीते साल भी सदन ने पास किया था, लेकिन उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था।

आप के सौरभ भारद्वाज ने सदन में शुक्रवार को किए गए विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के बर्ताव की निंदा की। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि वे भी विपक्ष के नेता की ओर से सदन में किए गए व्यवहार की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी राज्य के सदन में विपक्ष के नेता ने इस तरह का बर्ताव नहीं किया है। विपक्ष के नेता ने उस दिन के रवैये पर अफसोस जता दिया है, इसलिए वे इस मामले को यहीं पर समाप्त कर रहे हैं।

वहीं विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली जल बोर्ड में कथित टैंकर घोटाले पर सदन में चर्चा कराने की मांग की है। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस प्रस्ताव पर चर्चा कराने की इजाजत दे दी है। सदन में डीडीसीए में कथित अनियमितताओं पर अल्पकालिक चर्चा शुरू हुई। इस पर चर्चा का प्रस्ताव आप की विधायक अलका लांबा ने रखा। उन्होंने कहा कि केंद्र आप सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में उसे कमजोर करने में लगा है। उन्होंने कहा कि डीडीसीए में कथित घोटाले का मामला भाजपा के ही एक सांसद ने उठाया था। इस मामले में मशहूर क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी भी खुलकर सामने आ गए और वे लोग इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले। केजरीवाल ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के एक अधिकारी को सौंप दी।

उस अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में माना कि गड़बड़ियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच से सामने आया कि डीडीसीए के कोटला मैदान में मरम्मत का कार्य तीन कंपनियों को दिया गया। तीनों कंपनियों का निदेशक किसी नरेश चंद शर्मा को पाया गया, जिसे पता ही नहीं है कि उसके नाम से कोई कंपनी है। बाद में पता चला कि नरेश चंद अगरबत्ती बेचने का काम करता है। सदन में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान आप के विधायक नितिन त्यागी ने कहा कि सदन में इस मामले की जांच गोपाल सुब्रमण्यम से करवाने का प्रस्ताव पास किया गया, लेकिन जांच शुरू हो पाती उससे पहले ही उपराज्यपाल ने उस आयोग को अवैध घोषित कर दिया। मौजूदा समय में उस आयोग की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

सदन में सत्ता पक्ष के जगदेव सिंह ने कहा कि डीडीसीए के कोटला मैदान में नाजायज तरीके से बॉक्स बनाए गए और मैच के दौरान उन बॉक्सों को बेचकर करोड़ों रुपए कमाए गए। सत्ता पक्ष के ही सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली में न केवल क्रिकेट बल्कि हॉकी फेडरेशनों में भी घोटाले हो रहे हैं। सरकार को क्रिकेट और हॉकी फेडरेशनों में बरती जा रही अनियमितताओं की जांच करवानी चाहिए।