दिल्ली सरकार में कार्यरत आइएएस अधिकारियों के कामकाज की केंद्र समीक्षा करेगा ताकि अपेक्षित प्रदर्शन नहीं करने वाले नौकरशाहों पर नजर रखी जा सके। यह कदम अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच कुछ अधिकारियों के स्थानांतरण और निलंबन को लेकर टकराव की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आया है।
कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) काडर के आइएएस और आइपीएस अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए समितियां बनाने का बुधवार को एलान किया। इन अधिकारियों में वे अधिकारी भी शामिल हैं जो दिल्ली सरकार में कार्यरत हैं।
केजरीवाल सरकार दिल्ली पुलिस का नियंत्रण मांग रही है जो वर्तमान में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत है। डीओपीटी ने तीन साल से अधिक पुराने दिशानिर्देशों में संशोधन करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह सचिव एजीएमयूटी काडर के आइएएस और आईपीएस अधिकारियों के लिए दो अलग-अलग समितियों का नेतृत्व करेंगे।
आइएएस अधिकारियों के लिए समिति में दिल्ली के मुख्य सचिव, गृह मंत्रालय में सचिव सीमा प्रबंधन, प्रधान सचिव, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व करने वाला एजीएमयूटी काडर का अधिकारी और संयुक्त सचिव (केंद्र शासित प्रदेश) होंगे। आइपीएस अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने वाली समिति में दिल्ली पुलिस आयुक्त और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक होंगे। इस समिति में गृह मंत्रालय में सचिव सीमा प्रबंधन, प्रधान सचिव, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व करने वाला एजीएमयूटी काडर का अधिकारी और संयुक्त सचिव (केंद्र शासित प्रदेश) भी होंगे।