Delhi Haj Committee: साल 2014 के बाद से भारत एक बदली हुई भाजपा देख रहा है। सियासी जानकारों का भी मानना है कि मोदी-शाह युग की यह भाजपा छोटे से छोटे चुनाव को भी बहुत गंभीरता से लेती है और विपक्षी को चारों खाने चित्त करने लिए हर रणनीति पर काम करती है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला दिल्ली हज कमेटी के चुनाव में। दिल्ली हज कमेटी के अध्यक्ष पद चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है। दिल्ली बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की सदस्य कौसर जहां हज कमेटी की नई अध्यक्ष चुनी गई हैं।

कहा जा रहा है कि कौसर जहां को चुनने में भाजपा के दिल्ली और असम के इंचार्ज बैजयंत पांडा की भूमिका अहम है। पांडा ने कौसर जहां को पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता बताते हुए उन्हें बधाई दी है। बीजेपी ने कौसर जहां की जीत को ‘मुस्लिम समुदाय के बीच महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम’ बताया है।

कौसर जहां दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष बनने वाली दूसरी महिला

भारतीय जनता पार्टी की कौसर जहां दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष बनने वाली दूसरी महिला हैं। उनसे पहले कांग्रेस पार्टी की नेता ताजदार बाबर इस पद को संभाल चुकी हैं। वजह दिल्ली हज कमेटी की पहली महिला अध्यक्ष थीं।

AAP ने लगाया कांग्रेस-बीजेपी पर मिले होने का आरोप

दिल्ली हज कमेटी के चुनाव में हारने के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों पर हमला बोला है। आम आदमी पार्टी ने इन दोनों दलों पर मिले होने का आरोप लगाया है। AAP का कहना है कि बीजेपी-कांग्रेस की ‘मिलीभगत’ की वजह से कौसर जहां दिल्ली हज कमेटी अध्यक्ष का चुनाव जीत गईं।

दिल्ली हज कमेटी के चुनाव में क्या हुआ?

गुरुवार को दिल्ली हज कमेटी के लिए मतदान दिल्ली सचिवालय में संपन्न हुआ। इस चुनाव में समिति के पांच में से तीन सदस्यों ने बीजेपी की कौसर जहां को वोट किया। दिल्ली हज कमेटी के सदस्यों में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर, AAP की तरफ से विधायक अब्दुल रहमान और हाजी युनूस, कांग्रेस की तरफ से नाजिया दानिश, मुस्लिम मामले के विशेषज्ञ मोहम्मद साद और मुस्लिम स्वयं सेवक संगठनों की ओर से कौसर जहां शामिल हैं। इस चुनाव में जहां कौसर जहां को अपना, गौतम गंभीर और मोहम्मद साद को वोट मिला तो वहीं कांग्रेस पार्टी की नाजिया दानिश चुनाव से दूर रहीं।

कौन हैं कौसर जहां?

36 साल की कौसर जहां का जन्म मुंबई में हुआ है। वह हैदराबाद से संबंद्ध रखती हैं। कौसर जहां ने चार साल बीजेपी का दाम थामा था। उन्होंने बताया , “मैं आधिकारिक रूप से चार साल पहले बीजेपी की सदस्य बनी लेकिन गैर आधिकारिक रूप से मैं पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य के रूप में पिछले 15 सालों से काम कर रही हूं। हज कमेटी के लिए काम करना सम्मान की बात होगी।