उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह उनके लिए महंगाई से एक राहत होगी। संशोधित मासिक वेतन एक अक्तूबर से मान्य होगा।दिल्ली सरकार के बयान के अनुसार अकुशल श्रमिकों का वेतन 16,506 रुपए की जगह अब 16,792 रुपए होगा, अर्द्धकुशल श्रमिकों की तनख्वाह 18,187 रुपए के बजाय पर अब 18,499 रुपए होगी तथा कुशल श्रमिकों का वेतन 20,019 रुपए के बजाय 20,357 रुपए होगा। इससे पहले दिल्ली सरकार ने मई में न्यूनतम वेतन में वृद्धि की थी।
सिसोदिया ने कहा-न्यूनतम वेतन में वृद्धि महंगाई की मार झेल रहे श्रमिक वर्ग के लिए राहत देगी। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार मजदूरों को देश में ‘सबसे अधिक न्यूनतम वेतन’ देती है।
सरकार कराएगी जांच, दवा कंपनी में उत्पादन पर रोक
नई दिल्ली : भारत में निर्मित खांसी की चार दवाओं से अफ्रीकी देश गांबिया में संभावित 66 बच्चों की मौत के मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूूएचओ) से प्राप्त विवरण और प्रतिकूल घटना रिपोर्ट की जांच के लिए सरकार ने बुधवार को विशेषज्ञों की चार सदस्यीय समिति का गठन किया।
दूसरी ओर, हरियाणा सरकार ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स की सोनीपत इकाई में दवा निर्माण को रोकने का आदेश दिया और एक सप्ताह के भीतर हाल ही में निरीक्षण के दौरान पाए गए कई उल्लंघनों पर स्पष्टीकरण देने अथवा निलंबन या लाइसेंस रद्द किए जाने का सामना करने के लिए कहा।
अधिकारियों के मुताबिक, प्रतिकूल घटना रिपोर्ट, कारण संबंध और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा साझा किए गए या साझा किए जाने वाले सभी संबंधित विवरणों की जांच और विश्लेषण करने के बाद, समिति भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) को आगे की कार्रवाई की सलाह देगी और सिफारिश करेगी।
डब्लूूएचओ द्वारा अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत का संभावित कारण कंपनी द्वारा निर्मित खांसी की दवा को बताए जाने के कुछ दिन बाद रोक का यह आदेश आया है। तकनीकी विशेषज्ञों की चार सदस्यीय समिति में चिकित्सा संबंधी स्थायी राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष डा. वाइके गुप्ता, पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की डा प्रज्ञा डी यादव, नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के महामारी विज्ञान विभाग की डा आरती बहल और सीडीएससीओ के एके प्रधान शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण ब्यूरो (सीडीएससीओ) को सूचित किया था कि वे गांबिया को तकनीकी सहायता व परामर्श उपलब्ध करा रहे हैं।
ऐसी आशंका है कि प्रोमेथाजिन ओरल साल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मेकाफ और मैग्रिप एन नामक दवाओं के इस्तेमाल से बच्चों की मौत हुई। इन दवाओं की निर्माता कंपनी हरियाणा में स्थित मेडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड है।