दिल्ली सरकार ने आने वाली सर्दियों के मौसम में प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए 1 अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक दिल्ली में मध्यम और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। वहीं अरविंद केजरीवाल सरकार के इस फैसले को लेकर लोगों ने तंज कसे हैं।

बुधवार ( 22 जून, 2022) को केजरीवाल सरकार ने हरियाणा से केवल बीएस VI-अनुपालन वाली बसों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया था, ताकि शहर में वायु प्रदूषण की जांच में मदद मिल सके।

15 जून को परिवहन के विशेष आयुक्त ओपी मिश्रा द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति ने सुप्रीम कोर्ट और सीएक्यूएम (दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) का ध्यान आकर्षित किया है। जिन्होंने वायु प्रदूषण और वाहनों से होने वाले प्रदूषण के प्रभावी नियमन के निर्देश जारी किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 14 अक्टूबर, 2018 को अपने आदेश में निर्देश दिया था कि 1 अप्रैल, 2020 से बीएस IV उत्सर्जन मानक के अनुरूप कोई भी मोटर वाहन पूरे देश में बेचा या पंजीकृत नहीं किया जाएगा और केवल बीएस VI अनुपालन करने वाले वाहनों को ही चलने की अनुमति होगी।

यहां यह बताना महत्वपूर्ण है कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से सीएनजी में बदल दिया गया है, जबकि अन्य राज्यों से दिल्ली के एनसीटी के लिए चलने वाली बसों में डीजल का उपयोग जारी है।

केजरीवाल सरकार के यूजर्स ने यूं लिए मजे-
अरविंद केजरीवाल के इस फैसले पर एक यूजर (@vipin19yadav) ने लिखा- ‘अब इसी बात पे पूरी दिल्ली के बस स्टैंड रेड लाइट पे होर्डिंग्स लगा दी जाएगी और बताया जाएगा कि सरकार प्रदूषण लेवल को कम करने के लिए एक साल से ही काम कर रही है। एक अन्य यूजर (@WarthunderN) ने लिखा- न-न फिर भी प्रदूषण कम नहीं हुआ तो दिवाली पे प्रदूषण का ठीकरा फोड़ देंगे। वहीं एक और यूजर(@mittal8691) ने लिखा- दिल्ली को 6 महीने का लॉकडाउन लगा दें दिल्ली सरकार, जिससे व्यापारी व्यापार समेट लें, या फिर डेली वर्क वाले अपने गांव जा सकें, जब माल आएगा, नहीं तो व्यापार कैसा। अभिषेक (@abhivyas07) के एक यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा- केजरीवाल जी दम है तो पंजाब में पराली जलाने पर रोक लगा कर बताओ…दिल्ली में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण पंजाब में पराली जलाने से होता है।