दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की दायर चार्जशीट पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि सत्येंद्र जैन के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ईडी ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ जो सबूत पेश किए हैं, कोर्ट उनसे संतुष्ट है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जो सबूत मौजूद हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि आरोपी की संलिप्तता दिखाने के लिए ये सभी सबूत प्रारंभिक तौर पर पर्याप्त हैं। कोर्ट ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून-2002 की धारा-4 और धारा-3 के तहत अपराध का संज्ञान लिया।

हवाला के पैसे इस्तेमाल करने का आरोप: दरअसल, ईडी की चार्जशीट में सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ हवाला के पैसों का इस्तेमाल करने का आरोप है। ये पैसे दिल्ली और आसपास के इलाकों में एग्रीकल्चरल लैंड खरीदने के लिए इस्तेमाल किए गए। ईडी ने एक बयान में कहा कि चार्जशीट 27 जुलाई 2022 को स्पेशल मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (PMLA) कोर्ट में दायर की गई थी और अदालत ने इसका संज्ञान लिया है।

ईडी ने चार्जशीट में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और सहयोगियों अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन का भी नाम दाखिल किया है। इसके साथ ही कंपनियों अकिंचन डेवलपर्स प्रा.लिमिटेड, प्रयास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड का नाम शामिल है।

दो आरोपियों को अंतरिम जमानत: विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने सत्येंद्र जैन की पत्नी और सह-आरोपी पूनम जैन और मामले में आरोपी बनाए गए चार कंपनी के प्रतिनिधियों को समन जारी किए। सुनवाई के दौरान, जज ने दो आरोपियों अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन को आठ अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की। मामले में अब तक दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्हें ये जमानत 1 लाख रुपए के निजी मुचलके पर दी गई है।

सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन वीडियो कॉल से जुड़े हुए थे जबकि अंकुश और वैभव जैन को न्यायिक हिरासत से कोर्ट लाया गया था। मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त 2022 को होगी। अदालत ने मेडिकल आधार पर सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।