दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत करने के बाद भारतीय जनता पार्टी का हौसला और भी ज्यादा बुलंद हो गया है। लगभग 27 साल बाद राज्य की सत्ता में बीजेपी की वापसी हुई है। हालांकि बीजेपी अब अपने अगले मिशन के लिए लग गई है। अब बीजेपी दिल्ली MCD में भी अपनी सरकार बनाना चाह रही है, जिसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। हाल में आए विधानसभा चुनाव परिणाम ने दिल्ली के पूरे समीकरण बदल दिए हैं, इसी वजह से केंद्र और राज्य की सत्ता मिलने की बाद अब बीजेपी नगर निगम में भी अपनी सरकार बनाना चाह रही है।

दिल्ली नगर निगम में कुल 250 पार्षद की सीटें है, जिसमें से 11 पार्षद सांसद और विधायक बन गए हैं। इस आधार पर नगर निगम में अब निर्वाचित पार्षदों की संख्या 239 बची है। जिसमें से 119 सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के हैं जबकि 113 बीजेपी के हैं। वहीं 7 पार्षद कांग्रेस पार्टी के हैं। ऐसे में आप और बीजेपी के बीच महज 6 पार्षदों का अंतर है। 11 पार्षदों की खाली हुई सीटों पर चुनाव निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव करा सकता है।

ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की तैयारी

दिल्ली में 15 साल तक नगर निगम में बीजेपी की सरकार थी। लेकिन बीते MCD चुनाव में बीजेपी को आम आदमी पार्टी से हार मिली थी। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद नगर निगम में सरकार बनाना भी बीजेपी के लिए राह आसान नजर आ रही है। चूंकि दिल्ली विधानसभा में सरकार गठन के बाद विधानसभा अध्यक्ष 14 विधायकों को नगर निगम में सदस्य मनोनीत करेंगे। अभी तक की परंपरा के अनुसार राज्य में सत्तारूढ़ दल के विधायकों की संख्या के विधायकों को अधिकतम मनोनीत किया जाता रहा है। ऐसे में बीजेपी को यहां से फायदा मिलने वाला है।

जाटों, गुज्जरों और ड्राइंग रूम मीटिंगों पर फोकस… जानें कैसे दिल्ली चुनाव से पहले लाखों ग्रामीणों तक पहुंची बीजेपी

दिल्ली नगर निगम में होने वाले 14 मनोनयन में से 13 बीजेपी विधायकों को अगर मनोनीत किया जाता है। तो ऐसे में बीजेपी की राह आसान होगी। इसके साथ ही दिल्ली के 7 लोकसभा में सभी बीजेपी के ही सांसद हैं जबकि 3 सांसद राज्यसभा के हैं, जो आप से संबंध रखते हैं। हालांकि आप सांसद स्वाति मालीवाल काफी समय से पार्टी से बागी है। इसके आधार पर देखें तो बीजेपी को 24 में से 20 जबकि आप को तीन से चार मनोनीत के तौर पर मत मिल सकता है।

आगामी अप्रैल महीने में दिल्ली एमसीडी के लिए चुनाव होने हैं। साल 2022 में हुए चुनाव के बाद नियम के अनुसार हर साल अलग-अलग कोटे से मेयर समेत कई पदों के लिए वोटिंग होती है। अभी वर्तमान में मेयर आप के खाते हैं। लेकिन चुनाव बाद बने समीकरण के आधार पर कहा जा सकता है कि अगला मेयर बीजेपी बन सकता है।