जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद विधानसभा चुनाव कराए जाने का पहला संकेत देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इस साल के अंत तक चुनाव कराए जाने की संभावना है। केंद्र शासित प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर आए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘इस साल के अंत तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है’। वहीं उन्होंने टारगेट किलिंग के पीछे विदेशी साजिश का हाथ बताया।

महाराजा गुलाब सिंह के ‘राज्याभिषेक’ के 200वें वर्ष के उपलक्ष्य में एक समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि परिसीमन की कवायद हाल में पूरी हुई। निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा की संरचना बदलने जा रही थी। पहले विधानसभा की 83 सीटें थीं- जम्मू में 37 और कश्मीर में 46 अब कश्मीर में 47 और जम्मू में 43 सीटें होंगी।

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के तहत स्थापित परिसीमन आयोग के आदेशों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे। इनमें जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा क्षेत्र होंगे, जिनमें से 9 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होगी। राज्य के पुनर्गठन के दौरान, लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया, जहां विधायिका का प्रावधान नहीं है।

राजनाथ सिंह ने गुरुवार (16 जून, 202) को कहा, हमारा पड़ोसी देश नफरत के बीच बो रहा है। जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के पीछे विदेशी साजिश है। हम किसी भी धर्म या संप्रदाय के किसी भी व्यक्ति का जबरन पलायन नहीं होने देंगे। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की चाल है कि वो भारत को जख्म पहुंचाना चाहता है, लेकिन हमारे वीर जवान देश की बाढ़ के वो तार हैं, जिससे पाकिस्तान खुद-ब-खुद जख्मी हो जाता है।

सिंह ने कहा कि भारत का पश्चिमी पड़ोसी पाकिस्तान हमेशा भारत विरोधी गतिविधियों का सहारा लेता रहा है और जम्मू-कश्मीर में अतीत में भी आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत से रिश्ते खत्म करना देशहित (पाकिस्तान) में नहीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पहले ही अलग-थलग है।

5 अगस्त 2019 को संसद ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को निष्क्रिय कर दिया था और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। धारा 370 हटने के साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा भी खत्म हो गया था।