बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर यूपी की राजधानी लखनऊ में अपने समर्थकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नगीना के सांसद और भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद का नाम लिए बिना उनपर भी प्रहार किया।

मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियां बीएसपी को कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रच रही हैं। इसके लिए विभिन्न दलों ने इसी समाज से स्वार्थी और बिकाऊ लोगों का इस्तेमाल करके अन्य पार्टी और संगठन बनवा दिए हैं, जिसे  जातिवादी पार्टियां चुनाव में अपने-अपने फायदे के लिए उम्मीदवार खड़े करते हैं।

बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि कुछ पार्टियां तो अंदर ही अंदर अपना वोट ट्रांसफर करवाकर एक-आध उम्मीदवार को जिताकर भी भेज रही है ताकि इससे उन्हें दलितों के वोट बांटने में मदद मिलती रहे। उन्होंने अपनी पार्टी के समर्थकों से ऐसे दलों और नेताओं को वोट न देने की अपील करते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इसका फायदा विरोधी पार्टियों को ही मिलता रहेगा।

अखिलेश यादव पर भी साधा निशाना, किया सवाल

इस जनसभा में मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार ने कासगंज को जिला बनाकर उनका नाम कांशीराम के नाम पर रखा था लेकिन सपा की सरकार में उसका नाम बदल दिया गया।

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मायावती ने कहा कि जब ये लोग सत्ता में रहते हैं, तब न तो इन्हें पीडीए की याद आती है, न ही महापुरुषों, संतों और गुरुओं का सम्मान करना याद रहता है। लेकिन जैसे ही सत्ता जाती है, इन्हें अचानक हमारे संतों, गुरुओं और महापुरुषों की याद आने लगती है। ऐसे ‘दोगले’ लोगों से जनता को सावधान रहना चाहिए।

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