कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (24 अगस्त, 2020) को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया।
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि जब हम राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रहे थे और सोनिया अस्वस्थ थीं तो उस समय यह पत्र क्यों लिखा गया? विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि बैठक में राहुल गांधी ने कथित तौर पर पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप भी लगाया। हालांकि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ऐसी कोई बात नहीं कही।
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मीडिया रिपोर्ट में राहुल गांधी के कथित बयान के बाद राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के हवाले से कहा गया कि अगर भाजपा के साथ गठबंधन के आरोप सही साबित होते हैं तो वे सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे। अब गुलाम नबी आजाद ने भी मीडिया में दिखाए जा रहे उनके बयानों का खंडन किया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम रहे आजाद नहीं कहा कि CWC की बैठक में उन्होंने पार्टी छोड़ने की बात नहीं कही थी।
उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने यह कभी नहीं कहा, न ही CWC में या बाहर कि यह पत्र (पार्टी नेतृत्व पर सोनिया गांधी को) भाजपा के साथ मिलकर लिखा गया था। दूसरी तरफ राहुल गांधी के बयान पर निजी तौर पर खंडन के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी अपना बयान वापस ले लिया है।
सिब्बल ने राहुल गांधी की कथित टिप्पणी को लेकर उनपर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उन्होंने पिछले 30 सालों में भाजपा के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया, इसके बावजूद ‘हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं।’
