उत्तर प्रदेश के नोएडा में थाना फेस-3 क्षेत्र के सेक्टर 63 स्थित ओरियंट क्राफ्ट नामक कंपनी के सैकड़ों मजदूरों ने लॉकडाउन की अवधि में वेतन ना भुगतान नहीं करने पर बुधवार (1 जुलाई, 2020) सुबह खूब विरोध किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी बीच पुलिस विरोध स्थल पर पहुंची और कथित तौर पर मजदूरों पर लाठीचार्ज किया। मामले में मजदूरों के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। एक कंपनी द्वारा शिकायत के आधार पर दूसरी पुलिस ने दर्ज की है।
मजदूरों की मांग की थी अप्रैल से जून तक उनका भुगतान किया जाए। मजदूरों ने कहा कि वो किराए के घर में रहते हैं और बच्चों की फीस का भुगतान करने में भी समर्थ नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि फर्म के दो अलग इकाइयों में काम कर रहे 5,000 लोगों में से आधे लोग अपने गांवों के लिए रवाना हो गए थे।
प्रदर्शनकारियों में एक मजदूर सुनीता ने कहा कि कुछ अन्य काम की तलाश में हैं। हमें सिर्फ मार्च तक का भुगतान किया गया था। जब हम अप्रैल में गए तो बताया गया कि कंपनी जुलाई में फिर से खुल जाएगी। हालांकि जब हम आज आए तो हमने एक नोटिस देखा, जिसमें कहा गया था कंपनी सितंबर में खुलेगी। इसपर हमने कंपनी से साफ करने को कहा कि हमारी बकाया राशि कब मिलेगी और कंपनी कब खुलेगी। इधर पुलिस मौके पर पहुंच गई और कंपनी के इशारे पर हमारे खिलाफ लाठीचार्ज का सहारा लिया गया।
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इधर अपर उपायुक्त (जोन द्वितीय) अंकुर अग्रवाल ने बताया कि थाना फेस-3 क्षेत्र के सेक्टर 63 में ओरिएंट क्राफ्ट नाम की कंपनी है। यहां काम करने वाले करीब 300 मजदूर बुधवार सुबह वेतन की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने कंपनी के मैनेजमेंट तथा मजदूरों के बीच वार्ता कराई, लेकिन मजदूर उग्र हो गए।
उन्होंने बताया कि मजदूरों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी तो पुलिस ने आवश्यक बल प्रयोग कर भीड़ को वहां से हटाया। उन्होंने बताया कि इस मामले में थाना फेस -3 में मजदूरों खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग की है उसके आधार पर हंगामा करने वालों की पहचान की जा रही है। इस मामले में पुलिस ने कुछ मजदूरों को हिरासत में लिया है।
मजदूरों का आरोप आरोप है कि पुलिस व जिला प्रशासन कंपनी मैनेजमेंट का पक्ष ले रहा है। उनका कहना है कि कंपनी ने काफी दिनों से उनका वेतन नहीं दिया। वेतन मांगने पर कंपनी के लोग उन्हें धमका रहे हैं। इसके बावजूद भी पुलिस व जिला प्रशासन मजदूरों की कोई बात नहीं सुन रहे। (एजेंसी इनपुट)