संसद से तीनों निगमों के एकीकरण से जुड़े कानून को मंजूरी मिलने के बाद इस कानून पर राष्ट्रपति की मुहर लगने का इंतजार है। सूत्र बताते हैं कि इस कानून को आगामी सप्ताह में राष्ट्रपति मंजूरी दे सकते हैं। इसके बाद इस कानून को लागू करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा।
समिति में सात सदस्य होंगे और ये सभी ऐसे चेहरे होंगे, जो कि निगम के कामकाज और नियम प्रक्रिया को जानते होंगे।
समिति की मदद से आने वाले दिनों में नए कानून को और सख्ती से लागू किया जा सकेगा। सूत्र बताते हैं कि इस व्यवस्था से पूर्व ही निगमों के लिए कामकाज की प्रक्रिया को चलाया जा सके इसके लिए एक विशेष सलाहकार समिति बनाने की सिफारिश भी भाजपा के नेताओं की तरफ से की गई है। इन सबकी वजह से एमसीडी चुनाव 2024 तक टल सकता है।
यह समिति तीनों निगमों में तालमेल स्थापित कर शुरुआती दौर में सामने आ रही तकनीकी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करेगी। यह समिति चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने तक बनी रहेगी। इस व्यवस्था से आम जनता के लिए जरूरी कामकाज को रूकने से रोका जा सकेगा। ज्ञात हो कि हाल ही में संसद ने निगमों को एक करने संबंधित विधेयक को मंजूरी दी है।
इस विधेयक को लागू करने के लिए निगम के वार्ड का नक्शा फिर से तैयार करने की जरूरत होगी। इस वजह से ही अप्रैल 2022 में ही होने वाले चुनावों को टाला गया है। संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। इससे पूर्व भी 1980 के मध्य में निगमों के कामकाज का अधिकार विशेष अधिकारियों को दिया गया था हालांकि सलाहकार समिति का गठन नहीं किया गया था।
लोकसभा में निगमों के एकीकरण का विधेयक पेश करते ही यह तय हो गया कि अब कम से कम एक साल के लिए निगम चुनाव टल गया है। फिलहाल दिल्ली के तीनों नगर निगमों उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) में कुल 272 वार्ड हैं। इनमें से उत्तर और दक्षिण नगर निगम में 104-104 जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 वार्ड हैं।