मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक सरकारी डॉक्टर के खिलाफ ‘वेष बदलने का कार्य’ के मामले में केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि डॉक्टर ने कोरोना वायरस की जांच के लिए घरेलू नौकरानी के नाम पर पत्नी का सैंपल भेजा था, ताकि इससे उन्हें काम से अपनी अनधिकृत अनुपस्थिति को छुपाने में मदद मिल सके।

खुटार स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर जून के आखिरी सप्ताह में यूपी के बलिया में एक विवाह समारोह में शामिल हुए थे। घर वापस लौटने के बाद उनकी पत्नी में कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर आने लगे। इसके लिए उन्होंने कोरोना टेस्टिंग के लिए पत्नी का सैंपल भेजा, मगर इसके लिए स्वास्थ्य केंद्र और घर पर सहायक का काम करने वाली नौकरी का नाम दिया गया। जब टेस्टिंग के दौरान संक्रमण की पुष्टि हुई तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दिए गए पते पर पहुंच गए। यहां महिला ने बताया कि उसने टेस्टिंग के लिए कोई सैंपल नहीं दिया है।

सिंगरौली के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर (CMHO) आरआर पटेल ने बताया कि स्वास्थ्य टीम ने जब डॉक्टर और परिवार के अन्य सदस्यों के नमूने लिए तो डॉक्टर, उनकी पत्नी और दो भतीजों को कोरोना की पुष्टि हुई। अब जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर और उनके परिवार के सदस्यों का इलाज चल रहा है।

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CMHO ने कहा कि मामले का खुलासा होने के बाद डॉक्टर ने स्वीकार किया कि उन्होंने झूठ बोला था क्योंकि वो दूसरे डॉक्टर को ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर का चार्ज देने से चिंतित थे। उन्होंने स्वीकार किया कि वो यूपी में एक विवाह समारोह में शामिल हुए और वहां से लौटने के बाद मरीजों का इलाज किया और सरकार के ‘किल कोरोना अभियान’ में भी भाग लिया।

अब डॉक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 269 और 270 व महामारी रोग अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस उनके उपचार और अनिवार्य संगरोध के बाद डॉक्टर को हिरासत में ले लेगी।