Coronavirus Lockdown in india: देश में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में दिलवारी गांव का उदय करीब तीन साल बाद अपने घर वापस लौट आया है। सालों तक लापता रहने के बाद परिवार ने मान लिया था कि उनका बेटा अब कभी वापस लौटकर नहीं आएगा। घर वापस लौटे उदय ने गुरुवार (14 मई, 2020) को बताया कि मैं भागकर दिल्ली चला गया क्योंकि कुछ लोग चोरी के मामले में मुझपर झूठा आरोप लगाने की कोशिश कर रहे थे।

बिजावर के एसडीओपी सीताराम अवसैया ने बताया कि साल 2017 में उदय के लापता होने के संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। तब उसकी तलाश करते हुए पुलिस ने एक कंकाल बरामद किया था। उसके पिता ने कंकाल के अवशेषों से बेटे के शव की पहचान की थी। अवसैया ने कहा कि अब जांच की जाएगी की वह कंकाल किसका था।

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बता दें कि तीन साल पहले परिवार ने बेटे का कंकाल समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। हालांकि जब प्रवासी मजदूरों के साथ उनका बेटा वापस घर पहुंचा तो पिता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। दरअसल 2017 में जब उनका बेटा गायब हो गया था तब परिवार ने उसे बहुत खोजने की कोशिश की। शिकायत की बाद पुलिस ने भी उसकी खोजबीन की। इस बीच जंगल एक नर कंकाल मिला, जिसे उदय का मान लिया गया। दरअसल वहां कपड़े के कुछ टुकड़े भी पड़े थे जिन्हें देखकर पिता ने कहा कि कंकाल उनके बेटे का ही है। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया और मान लिया कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा।

मगर प्रवासी मजूदरों के साथ जब गांव पहुंचे उदय ने घर का दरवाजा खटखटाया तो बेटे को सामने खड़ा देखकर पिता दंग रह गए। कुछ देर तक उन्हें यकीन ही नहीं हुआ की उनका बेटा जिंदा है। उदय ने बताया कि वह गुरुग्राम से मजूदरों के साथ 600 किलोमीटर पैदल चलकर गांव में पहुंचा है।