Delhi Coronavirus: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार (9 जून, 2020) को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना मरीजों की दोगुनी होने की दर 12.6 दिन है। इसके आधार पर लगाए अनुमान से पता चलता है कि दिल्ली में जुलाई के आखिर तक 5.5 लाख के करीब मरीज होंगे। करीब 80,000 लोगों को बिस्तरों की जरुरत होगी।

दिल्ली में अभी कितने हॉस्पिटल और बेड हैं?
दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के मुताबिक शहर के स्वास्थ्य संस्थानों में 57,709 बेड हैं। इनमें 11,770 बेड दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य संस्थानों में हैं। केंद्र सरकार द्वारा संचालित 21 स्वास्थ्य संस्थानों में 9,716 बेड हैं। 2,995 बेड स्वायत्त स्वास्थ्य संस्थानों जैसे पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टीबी एंड रेस्पिरेटरी डिजीज में हैं। हालांकि सबसे अधिक 29,502 बेड निजी और स्वैच्छिक स्वास्थ्य संस्थानों में हैं। दिल्ली में कुल 1,291 हॉस्पिटल और नर्सिंग होम हैं।

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पिछले कुछ सालों में अस्पतालों, बिस्तरों की संख्या किस दर से बढ़ी है?
साल 2011-2018 के बीच दिल्ली के हॉस्पिटलों में 15,111 बिस्तर और जोड़े गए। इनमें निजी के साथ सार्वजनिक हॉस्पिटलों के बेड की संख्या भी शामिल है। साल 2013-14 में सबसे अधिक 4,500 बेड हॉस्पिटलों में जोड़े गए। राजधानी के हॉस्पिटलों में 2015 से 2018 के बीच 7,740 बेड जोड़े गए। हालांकि जैसे-जैसे दिल्ली की आबादी बढ़ी, उस हिसाब से प्रति हजार आबादी पर बेड की संख्या नहीं बढ़ी। साल 2011 में दिल्ली की जनसंख्या 1,7 करोड़ थी तब एक हजार की आबादी पर 2.5 बेड की उपलब्धता थी। साल 2018 में इसमें थोड़ी बढ़ोतरी हुई और ये 2.94 बेड पर ही पहुंच पाई और राजधानी की आबादी 1.96 करोड़ हो गई।

सरकार का प्रोजेक्शन क्या दर्शाता है?
दिल्ली में कोरोना के मरीजों की दोगुनी होने की दर 12.6 दिन है। सोमवार तक शहर में कोरोना मरीजों की संख्या 30,000 से थोड़ी कम थी। एक आधिकारिक बयान में सरकार ने कहा कि राजधानी में 15 जून तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 44,000 हो सकती है और हॉस्पिटलों में 6,600 बिस्तरों की जरुरत पड़ेगी। सरकार का अनुमान है कि 30 जून तक एक लाख मरीज हो जाएंगे और 15,000 बिस्तरों की जरुरत पड़ेगी। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 31 जुलाई तक दिल्ली में 5.5 लाख कोरोना मरीज होंगे और 80,000 बिस्तरों की जरुरत पड़ेगी।

दिल्ली में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार की क्या योजना है?
मौजूदा समय में सरकार के पास निजी और सरकारी हॉस्पिटलों में 8,892 कोविड बेड हैं। सबसे अधिक 2,000 बेड लोक नायक हॉस्पिटल में हैं जिसे सरकार ने कोविड हॉस्पिटल घोषित किया है। इसके अलावा 1,500 बेड जीटीबी हॉस्पिटल में हैं। बेड की उपलब्धता के लिए दिल्ली सरकार के ऐप के मुताबिक 4,028 बेड अभी भी खाली हैं। दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए 507 वेंटिलेटर हैं, जिनमें से 317 पर मरीज एडमिट हैं। अनुमानों के आधार पर सरकार स्टेडियम, बैंक्वेट हॉल, होटलों को कोविड सुविधाओं में परिवर्तित करना चाह रही है। जहां कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को एडमिट किया जा सके। इनमें गंभीर मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाएगा। मगर सरकार के समक्ष सबसे बड़ी समस्या स्वास्थ्य कर्मियों जैसे डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारियों की कमी है।

बता दें कि दिल्ली में बुधवार को कोरोना के 1,366 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या 31,309 हो गई है। इनमें 18,543 एक्टिव केस हैं, 11,861 लोगों ठीक हो चुकी हैं और 905 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने आज सुबह ये जानकारी दी।