Punjab News: पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की मांग को लेकर गुजरात में हजारों सरकारी कर्मचारियों के सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री और आप नेता भगवंत मान ने सोमवार (19 सितंबर, 2022) को कहा कि उनकी सरकार पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने पर विचार कर रही है।

आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर भगवंत मान के इस कदम की सराहना की। भगवंत मान ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मेरी सरकार पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) को वापस लाने पर विचार कर रही है। मैंने अपने मुख्य सचिव से इसके कार्यान्वयन की व्यवहार्यता और तौर-तरीकों का अध्ययन करने को कहा है। हम अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ अरविंद केजरीवाल ने पोस्ट को रीट्वीट करते हुए इसे भगवंत सरकार का बड़ा फैसला बताया।

पिछले साल अगस्त में आम आदमी पार्टी के नेता और मौजूदा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वादा किया था कि अगर पार्टी पंजाब में सत्ता में आई तो पुरानी पेंशन प्रणाली को बहाल किया जाएगा। पंजाब सिविल सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुखचैन सिंह खैरा ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली को बहाल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

क्‍या है पुरानी और मौजूदा पेंशन स्‍कीम

पुरानी पेंशन स्‍कीम 2004 में खत्‍म कर दी गई थी। राज्‍य कर्मचारी इसे बहाल करने की मांग करते रहे हैं। कांग्रेस शास‍ित राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ में इसे बहाल क‍िए जाने का ऐलान भी हो चुका है। 2004 में पुरानी पेंशन स्‍कीम को खत्‍म करते हुए केंद्र सरकार के कर्मचार‍ियों के ल‍िए नेशनल पेंशन स्‍कीम (एनपीएस) शुरू की गई थी। इसमें सरकारी कर्मचार‍ियों को न‍िवेश संबंधी आजादी दी गई थी। इसके तहत उनके सेवाकाल में एक फंड में न‍िश्‍च‍ित रकम जमा होती है। र‍िटायर होने पर वे पेंशन की रकम का कुछ ह‍िस्‍सा एकमुश्‍त न‍िकाल सकते हैं।

पुरानी पेंशन स्‍कीम में सरकार और कर्मचारी बराबर-बराबर रकम देते थे और र‍िटायरमेंट पर कर्मचारी को हर महीने एकमुश्‍त पेंशन म‍िलती थी। अमूमन र‍िटायरमेंट के वक्‍त तनख्‍वाह का आधा पेंशन के तौर पर आजीवन म‍िलता था

पंजाब में 2004 में ओपीएस को समाप्त कर दिया गया था

बता दें, कर्ज में डूबे पंजाब ने 2004 में ओपीएस को खत्म कर दिया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को राज्य के खाली खजाने को भरने के लिए कई कड़े फैसले लेने पड़े थे। उस समय उन्होंने किसानों के लिए मुफ्त बिजली भी बंद कर दी थी, लेकिन राजनीतिक प्रतिक्रिया के कारण उनको उस निर्णय को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

पंजाब पर है 2.63 लाख करोड़ का कर्ज

पंजाब सरकार का 11,000 करोड़ रुपये का पेंशन बिल है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने हाल ही में हर महीने घरों में 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी, जिससे सरकारी खजाने पर और बोझ पड़ा। पंजाब पहले से ही 2.63 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में है।

मान सरकार के हुए छह महीने

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के छह महीने पूरे हो गए हैं। 17 स‍ितंबर को पार्टी मुख्यालय में आप प्रवक्ता जगतार सिंह संघेड़ा और गोविंदर मित्तल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने भगवंत मान सरकार के छह महीने के कार्यकाल का र‍िपोर्ट कार्ड पेश क‍िया। कंग ने कहा कि मान सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुसार 20,000 नौकरियां दी हैं और 9000 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया है।

क‍िसानों के ह‍ित में क‍िए गए काम का ज‍िक्र करते हुए कंग ने दावा क‍िया क‍ि पंजाब के इतिहास में पहली बार मान सरकार ने मूंग की खरीद पर एमएसपी जारी की। उनका कहना था क‍ि पंजाब सरकार किसानों को 1500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है। यह रकम मिट्टी की उर्वरता को बचाने के लिए दी जा रही है। उन्‍होंने बताया क‍ि मालवा क्षेत्र के कपास किसानों को दो साल से मुआवजा नहीं म‍िला था। मान सरकार ने उसका भी भुगतान क‍िया। साथ ही, गन्ना किसानों का बकाया भी चुका द‍िया गया है।

कंग ने दावा क‍िया क‍ि मान सरकार के फैसले का ही नतीजा है क‍ि लगभग 80 प्रतिशत घरों में ब‍िजली ब‍िल न‍िल आया है। कंग ने पंजाब रोडवेज के भी मुनाफे में आने का दावा क‍िया।