हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विरासत को भुनाने का लक्ष्य बना रही है। कांग्रेस की हिमाचल इकाई ने गुरुवार (23 जून) को दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की 89 वीं जयंती पर शिमला में पार्टी मुख्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया। वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सभी 72 ब्लॉकों में समारोह आयोजित किए। पार्टी कार्यालय में ये समारोह वीरभद्र की पत्नी प्रतिभा सिंह और विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री सहित सभी वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में आयोजित किया गया।
राज्य में भाजपा ने अपने अभियान को पूरी तरह से तेज कर दिया है, वहीं आम आदमी पार्टी (आप) भी मैदान में उतर गयी है। ऐसे में साल के अंत में होने वाले चुनाव के साथ-साथ अपने रास्ते पर बने रहने के लिए और प्रदेश कांग्रेस में आयी दरार को कवर करने के लिए कांग्रेस अब वीरभद्र सिंह की इमेज को कैश कराने की जुगत में है।
भाजपा-आप के साथ ताल मिलाने की कोशिश: राज्यसभा सांसद और हिमाचल में पार्टी मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला साल 2022 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को तैयार करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, पदाधिकारियों और सभी प्रमुख संगठनों के प्रमुखों के साथ कई बैठकें कर रहे हैं। पार्टी अब भाजपा और आप के साथ ताल मिलाने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी ने जहां पीएम मोदी के साथ राज्य में पहले ही कुछ रैलियां की हैं, वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ आप संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने पार्टी कैडर को मजबूत करने के लिए रोड शो कर रहे हैं। इस बारे में बात करते हुए एक कांग्रेस नेता ने कहा, “ऐसा लगता है कि हम धीरे-धीरे रेस से बाहर हो रहे हैं और इसीलिए शायद हमारे दिग्गज नेता और पूर्व सीएम की विरासत से कैडर को ऊर्जा मिल सकती है।”
कांग्रेस चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के हित के मुद्दे को उठाने की योजना बना रही है। इसके जरिए यह भी दिखाने की कोशिश की जाएगी कि वीरभद्र सिंह की सरकार के दौरान हिमाचल प्रदेश में कितनी तेजी से विकास हुआ था। गौरतलब है कि कांग्रेस आलाकमान ने हाल ही में पूर्व सीएम की पत्नी प्रतिभा सिंह को प्रदेश इकाई का प्रमुख बनाया था।