मध्य प्रदेश में वायरल हुए बीजेपी के नियुक्ति पत्र ने बवाल मचा दिया है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस पत्र में खेमे शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इस पर कांग्रेस को बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल गया है। वहीं, बीजेपी ने भी इस पर एक्शन लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

इस नियुक्ति पत्र में लिखा है कि पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कैलाश जाटव के निर्देश पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी की सहमति से इन पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाती है।

इस चिट्ठी पर बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रामगोपाल मिलन का नाम लिखा हुआ है और 19 मई, 2022 की तारीख पड़ी है। इसमें बताया गया कि 2 उपाध्यक्ष और 2 जिला मंत्री नियुक्त किए गए हैं। कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया पर यह नियुक्ति पत्र शेयर किया और हमला करते हुए कहा कि बीजेपी की गुटबाजी तो अब चिट्ठी में भी आ गई।

कांग्रेस सवाल उठा रही है कि बीजेपी में गुटबाजी है क्योंकि खेमे शब्द का इस्तेमाल किया गया है। चिट्ठी वायरल होने के बाद बीजेपी भी एक्शन में आ गई है और रामगोपाल मिलन की इस चिट्ठी पर पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बीजेपी ग्रामीण अध्यक्ष कौशल शर्मा ने रामगोपाल मिलन से स्पष्टीकरण मांगा है कि चिट्ठी में खेमे शब्द का इस्तेमाल क्यों किया गया, जो कि संगठन की विचारधारा के विपरीत है। इसके साथ ही इन नियुक्तियों को निरस्त करने की भी बात कही गई है।

इस पत्र के अनुसार, विकास और नेहा परिहार को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वहीं, मंगल सिंह मौर्य और मनीष राजा को मंत्री नियुक्त किया गया था।

सिंधिया बोले, बीजेपी में कोई खेमेबाजी नहीं

वहीं, सिंधिया ने कहा है कि बीजेपी में कोई गुटबाजी नहीं होती है। उन्होंने इंदौर में एक निजी कार्यक्रम में कहा कि पार्टी में सब लोग एक हैं और एक संगठन के नीचे काम करते हैं। गुटबाजी तो कांग्रेस में है।