कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभिनेत्री से राजनेता बनीं वियजशांति को अपनी पार्टी का स्टार प्रचारक और चुनाव अभियान समिति का सलाहकार बनाने की मंजूरी दे दी। पर बुधवार (19 सितंबर) को कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले से राज्य में पार्टी के कुछ नेता नाखुश हैं। सूत्रों के मुताबिक, हैदराबाद में गांधी भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कई नेताओं ने राहुल के इस फैसले को गलत बताया है।
विजयशांति मूलरूप से तमिलनाडु के चेन्नई शहर की रहने वाली हैं। उनका पूरा नाम विजय शांति श्रीनिवास है। फिल्म जगत में एक दौर था, जब वह लेडी अमिताभ के नाम से खासा मशहूर थीं। उन्होंने 180 से अधिक फीचर फिल्मों में काम किया है। फिल्मों में वह 1980 से 90 के बीच काफी सक्रिय रही थीं।
आगे चलकर उन्होंने राजनीति का रुख किया और 1988 में भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बनीं। उन्हें तब पार्टी की महिला इकाई- भारतीय महिला मोर्चा में सचिव बनाया गया था। 1999 के आम चुनाव से पहले खबर उड़ी थी कि सोनिया गांधी आंध्र प्रदेश की कडप्पा विस से चुनाव लड़ेंगीं।
उस दौरान विजयशांति ने सोनिया के खिलाफ मैदान में उतरने तक की ठान ली थी। मगर सोनिया तब कर्नाटक के बेल्लारी से चुनाव लड़ी थीं। लिहाजा उनका सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ने का अरमान अधूरा रह गया था।
फिर 2009 में उन्होंने बीजेपी को अलविदा कहा और तेंलगाना को राज्य का दर्जा दिलाने के मकसद से खुद की तल्ली तेलंगाना नाम की पार्टी बना ली। हालांकि, वह लोगों का समर्थन जुटाने में नाकामयाब रहीं, तो आगे उन्हें तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में पार्टी का विलय करना पड़ा। बाद में टीआरएस प्रमुख के.चंद्रशेखर राव के साथ उनके मतभेद हुए, तो उन्होंने टीआरएस से इस्तीफा दे दिया।
2014 में वह कांग्रेस में आ गईं और निजामाबाद से चुनाव लड़ीं। हालांकि, वह राव की बेटी के.कविता से निजामाबाद सीट पर चुनाव हार में हार गई थीं। वह इसके बाद से पार्टी के कार्यक्रमों में कम ही नजर आती थीं। मगर स्टार प्रचारक बनाए जाने के बाद वह फिर से चर्चा में आ गई हैं।