उत्तर कांग्रेस विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने वाला है। इस पहले कांग्रेस ने गुरुवार को घोषणा की कि वह कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेगी। साथ ही विपक्ष कई मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। यह घोषणा कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने संयुक्त रूप से की।

403 सदस्यों वाली यूपी विधानसभा में कांग्रेस के सिर्फ़ दो विधायक हैं। ऐसे में पार्टी के विरोध प्रदर्शन या वॉकआउट का बड़ा असर होगा ऐसा कहा नहीं जा सकता। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन सहयोगी समाजवादी पार्टी पर निर्भर रहने के बजाय अपना प्रभाव बनाने के लिए कांग्रेस ने 18 दिसंबर को विधानसभा के बाहर इन सभी मुद्दों पर अलग से विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है, जिसके दौरान वह अपनी ताकत दिखा सकती है।

कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा, “सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है और अपनी विफलता को छिपाने के लिए सिर्फ धार्मिक तुष्टिकरण की नीति अपना रही है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के पास आम आदमी की हर समस्या का एक ही जवाब है, उन्हें हिंदू-मुस्लिम में बांटना लेकिन कांग्रेस पार्टी सरकार की हर विफलता को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम सरकार को जनता की आवाज सुनने के लिए मजबूर करेंगे। हम 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।”

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लोकसभा में प्रियंका गांधी का पहला भाषण

वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने दावा किया कि अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह नहीं आते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम करती। उन्होंने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि ‘एक व्यक्ति’ को बचाने के लिए देश की जनता को नकारा जा रहा है। वायनाड से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद सदन में उनका यह पहला भाषण था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान लोगों के लिए सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है।’’ उन्होंने कहा कि ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये आरक्षण को कमजोर किया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए होते तो ये (सत्तारूढ़ दल) संविधान बदलने का काम करते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में इन्हें (भाजपा) हारते-हारते जीतने से एहसास हुआ कि इस देश में संविधान बदलने की बात नहीं चलेगी।’ पढ़ें- ‘फाउंडिंग फादर्स के साथ मदर्स की भी हो चर्चा’, राजनाथ सिंह ने संविधान पर बोलते हुए इन 15 महिलाओं का किया जिक्र