कर्नाटक के सोराब निर्वाचन क्षेत्र से विधायक और सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में संशोधन करने की राज्य सरकार की योजना, हिजाब पर विवाद और राज्य की शिक्षा प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों पर सनथ प्रसाद (Sanath Prasad) के साथ बातचीत की है। मधु बंगारप्पा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा के बेटे हैं।
सवाल: राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री के रूप में आपका मुख्य फोकस क्या है?
शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा का जवाब : मेरी प्राथमिकताओं को जानने के लिए मुझे आंकड़े प्राप्त करने होंगे। मुझे शिक्षा मंत्री का पद संभाले 48 घंटे भी नहीं हुए हैं। मैंने छात्रों का स्कूल में वापस स्वागत करने और उन्हें सहज रखने के द्वारा आज अपने कर्तव्यों की शुरुआत की है।
सवाल : स्कूल की पाठ्यपुस्तकों के संशोधन के लिए क्या योजनाएँ हैं, जैसा कि (कांग्रेस) ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था?
जवाब : पुरानी पाठ्यपुस्तकों को बदलना होगा- हमने अपने घोषणा पत्र में पहले ही यह क्लियर कर दिया है। भाजपा द्वारा पेश किए गए संशोधनों को बदलना होगा, और इसे छात्रों के हित में बदला जाएगा। हालांकि, मैं इस बात का खुलासा नहीं करना चाहता कि किन पहलुओं में बदलाव होगा। परिवर्तन करने के लिए हमारे पास पहले से ही एक ढांचा है और जल्दी ही यह काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की देखरेख में आवश्यक संशोधन पहले से ही चल रहा है। उन्हें नियमित रूप से इस बारे में जानकारी दी जा रही है। बच्चों के भविष्य के हित में उनकी शिक्षा को सुरक्षित रखने के लिए जो भी करना होगा, किया जाएगा।
सवाल : आप हिजाब विवाद से कैसे निपटने जा रहे हैं? क्या आप हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के सरकारी आदेश को पलट देंगे?
हम हिजाब पर सरकार के आदेश को यूं ही नहीं बदल सकते। हमें कानून के मुताबिक चलना होगा। कानून विभाग इस मामले को देखेगा और निर्णय लिया जाएगा।
अचानक हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं थी जबकि सबकुछ ठीक चल रहा था। भाजपा ने मुद्दे का राजनीतिकरण करके इसे गड़बड़ कर दिया। चूंकि मामला न्यायपालिका के अधीन है, इसलिए मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता।
सवाल : राज्य शिक्षा विभाग के सामने मुख्य चुनौतियां क्या हैं?
जावाब :विभाग बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है। विभाग में बहुत अच्छे शिक्षक भी हैं। हमें उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए भरोसा और विश्वास देना होगा। हमें इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए भी फंड की जरूरत है।