कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के मॉब लिंचिंग के बयान पर उन्हें घेरते हुए कहा कि जिस दिन वे एकजुटता के संदेश का पालन करने लगेंगे, मॉब लिंचिंग बंद हो जाएगी। सिंह का कहना है कि जिस दिन वह इस संदेश का पालन करने लगेंगे उस दिन देश की मॉब लिंचिंग एवं नफरत जैसी सारी समस्या समाप्त हो जाएगी। बता दें कि भागवत ने नागपुर में एकजुटता पर भाषण दिया था, जिसपर कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए मंगलवार (8 अक्टूबर) को यह बात कही।

दिग्विजय सिंह ने भागवत पर साधा निशानाः दिग्विजय ने एक सवाल के जवाब में मीडिया को बताया, ‘जिस दिन मोहन भागवत जी एकजुटता का संदेश देकर उसका पालन करने लगेंगे, प्रेम एवं सद्भाव तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का रास्ता अपना लेंगे उस दिन सारी समस्या समाप्त हो जाएगी, मॉब लिंचिंग खत्म हो जाएगी और नफरत भी समाप्त हो जाएगा, शिकायतें भी नहीं रहेंगी।’ बता दें कि मोहन भागवत ने नागपुर में मंगलवार को कहा कि कुछ लोग देश को बांटने का काम रहे हैं, जबकि हम (आरएसएस) एकजुटता का संदेश दे रहे हैं। इस पर दिग्विजय ने यह बात कही है।

National Hindi News, 9 October 2019 Top Headlines Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक

मोहन भागवत ने विजयदशमी पर किया स्वयंसेवकों को संबोधितः मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को विजयादशमी के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग मैदान में ‘शस्त्र पूजा’ के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित किया। संबोधन के बाद उन्होंने कहा था कि ‘मॉब लिंचिंग’ (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि ‘लिंचिंग’ शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई, ऐसे शब्द को भारतीयों पर ना थोपे।

कई शहरों में ‘शस्त्र पूजा’ की गईः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अन्य हिंदू संगठनों ने कई शहरों में दशहरा के मौके पर ‘शस्त्र पूजा’ की और ‘पथ संचालन’ यात्रा निकाली। दशहरे पर पूरे देश में भले ही रा­वण के पुतले जलाए जाते हों, लेकिन महाराष्ट्र के अकोला जिले के संगोला गांव में रा­वण की पूजा की गई। बता दें कि रा­वण की 10 सिर वाली प्रतिमा भी यहां पर है। स्थानीय लोगों का दावा है कि पिछले 200 साल से यहां रावण की पूजा होती है।