कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में अपनी जमीनी मौजूदगी को मजबूत करने के लिए एक महीने तक चलने वाले संगठन-निर्माण अभियान के बीच में है और पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए एक सम्मानजनक और उपयुक्त गठबंधन बनाने की उम्मीद है। बीते साल 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबंधन ने मजबूत प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने जहां 17 सीटों में से 6 पर जीत हासिल की वहीं सपा ने 37 सीटें जीतीं, जिससे देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य यूपी में बीजेपी की संख्या 62 से घटकर 33 हो गई।

शायद इसीलिए कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि पार्टी पूरे प्रदेश में अपनी जमीनी उपस्थिति के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। और ऐसी संभावना है कि अगले दौर के चुनावों में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक के तहत एक मजबूत और उपयुक्त गठबंधन के साथ मैदान में उतरेगी।

पंचायत चुनाव को ध्यान में रखकर गांव में पैठ की तैयारी

पांडे का कहना है कि फिलहाल यूपी के सभी 75 जिलों में “संगठन सृजन” अभियान के बीच पार्टी पंचायत चुनावों के लिए भी कमर कस रही है। पंचायत चुनाव को लेकर ऐसी संभावना है कि ये 2027 के चुनावों से एक साल पहले 2026 में हो सकते हैं। सात दिवसीय यूपी दौरे पर आए अविनाश पांडे प्रगति का आकलन करने और कैडर में ऊर्जा भरने के लिए जिला स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए पंचायत चुनावों पर कांग्रेस नजर गड़ाए हुए है। 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। सपा ने अपनी सीटों की संख्या 47 से बढ़ाकर 111 कर ली, जबकि कांग्रेस सिर्फ दो पर सिमट गई।

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पांडे ने कहा, ‘गठबंधन की बात करें तो इंडिया ब्लॉक अस्तित्व में है। इस गठबंधन में कई क्षेत्रीय दल और कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में बीजेपी को मजबूत विपक्ष देने के लिए एक साथ हैं। इसलिए, हम अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं और इस वजह से हम एक मजबूत गठबंधन के रूप में एक साथ आएंगे।’ उन्होंने आगे कहा, “हम अपनी पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अगर चुनाव के समय बीजेपी को हराने के लिए हमारे पास एक सम्मानजनक और उपयुक्त गठबंधन हो, तो हम एक अच्छा परिणाम देने की अच्छी स्थिति में हों।’

कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर बोले पांडे

सपा और बसपा जैसी क्षेत्रीय पार्टियों की उदय और बीजेपी के मौजूदा प्रभाव को लेकर पांडे ने कहा, ‘आपको ये जानना चाहिए कि क्षेत्रीय दल कांग्रेस की तुलना में बहुत बाद में आए, जो आजादी से लेकर राज्य के गठन के बाद से ही उत्तर प्रदेश में लोगों को अच्छा शासन दे रही थी।’ उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हम यूपी में पार्टी के संगठनात्मक पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। केवल अकेले चुनाव लड़ने के लिए ही नहीं बल्कि कई अन्य कार्य करने के लिए जो सीधे जनता के हित और प्रदेश के कल्याण से जुड़े हैं।’ इसके साथ ही पांडे ने बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधा और उस पर निरंकुश कामकाज और विपक्ष की लोकतांत्रिक भूमिका को दरकिनार करने का आरोप लगाया।

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उन्होंने कहा, ‘एक बात जो हर कोई देख सकता है, वह यह है कि सरकार पक्षपातपूर्ण है और निरंकुश फैसले लेकर संविधान का उल्लंघन करने की कोशिश कर रही है। आप देख सकते हैं कि सभी फैसले विपक्ष को दबाकर लिए जा रहे हैं, जिसे उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है।” उन्होंने कहा, ‘जाहिर है कि लोगों की पसंद और विकास को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार की है। उन्हें लोगों के विकास का ध्यान रखना चाहिए- चाहे वह बुनियादी ढांचे, शिक्षा, रोजगार या महंगाई कम करने पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस विपक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी पूरी क्षमता और बेहतरीन इरादों के साथ निभा रही है।’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के ‘संगठन सृजन’ अभियान का उद्देश्य AICC के पूर्ण अधिवेशन में पारित प्रस्ताव के बाद पांच स्तरों- राज्य, जिला, ब्लॉक, मंडल और बूथ पर पार्टी के ढांचे का पुनर्निर्माण करना है।

इसके के बाद पांडे ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में चरणबद्ध तरीके से इसे अंजाम दिया जा रहा है।’आज यूपी में कांग्रेस की प्रासंगिकता पर पांडे ने कहा, ‘मुझे आपको बताना चाहिए कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाई थी। यह हमेशा बहुत प्रासंगिक और वैचारिक रूप से आम भारतीय की मानसिकता के बहुत करीब रही है।’ उन्होंने कहा, ‘यूपी में कांग्रेस राज्य स्तर से लेकर बूथ स्तर तक खुद को पुनर्गठित करने की कोशिश कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह की भावना साफ दिख रही है और मुझे विश्वास है कि कांग्रेस 2026 के पंचायत चुनावों, 2027 के विधानसभा चुनावों और 2029 के आम चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगी। हमारा लक्ष्य जनता का विश्वास फिर से हासिल करना और उनकी उम्मीदों के अनुरूप उत्तर प्रदेश के लोगों की सेवा करना है।’